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तपस्या की अनुमोदना तपस्या से करना चाहिए - आचार्य प्रसन्नचंद्र सागरजी, चातुर्मासिक मंगल धर्म सभा प्रवाहित

neemuch headlines October 14, 2023, 4:41 pm Technology

नीमच । तपस्या से आत्मा का कल्याण होता है तपस्या की अनुमोदना तपस्या से करनी चाहिए। तपस्या से परमात्मा के नजदीक जाने का अवसर मिलता है और तपस्या से मन पवित्र होता है और कष्ट दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ होता है। यह बातश्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में बंधू बेलडी पूज्य आचार्य श्री जिनचन्द्र सागरजी मसा के शिष्य रत्न नूतन आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागरजी मसा ने कही। वे चातुर्मास के उपलक्ष्य में विकास नगर स्थित तपोभूमि के समीप आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सद्कर्म के बिना लंबा जीवन भी व्यर्थ होता है।

सत्कर्म हो तो अल्पायु भी जीवन सफल बना देती है। परिवार के प्रति राग दुखों का प्रमुख कारण होता है । स्वस्थ शरीर मिले तो भक्ति तपस्या कर लेनी चाहिए। प्रकाश चंद्र, अंजल चौधरी परिवार सहित अनेक लोग उपस्थित थे। दोपहर 3 बजे जैन भवन में चौबीसी का आयोजन किया गया। रात 8 बजे भजन संध्या आयोजित की गई जिसमें अंकित लोढ़ा रायपुर, नाहर सिस्टर भीलवाड़ा, आदि ने भक्ति भजन प्रस्तुत किए। श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने बताया कि धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावनचंद्र सागरजी मसा एवं पूज्य साध्वीजी श्री चंद्रकला श्रीजी मसा की शिष्या श्री भद्रपूर्णा श्रीजी मसा आदि ठाणा 4 का भी चातुर्मासिक सानिध्य मिला। समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उपवास, एकासना, बियासना, आयम्बिल, तेला, आदि तपस्या के ठाठ लग रहे है।

धर्मसभा में जावद जीरन, मनासा, नयागांव, जमुनिया, जावी, आदि क्षेत्रों से श्रद्धालु भक्त सहभागी बने। धर्मसभा का संचालन सचिव मनीष कोठारी ने किया।

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