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श्रद्धा बिना संयम जीवन सफल नहीं- प्रवर्तक विजयमुनिजी म. सा.

neemuch headlines October 14, 2023, 4:33 pm Technology

नीमच। श्रद्धा और विश्वास के बिना जीवन सफल नहीं होता है । धर्म और गुरु देव के प्रति श्रद्धा और विश्वास होने पर ही सफलता मिलती है। साधु संतों की वाणी को श्रवण कर जीवन में आत्मसात करें तभी आत्म कल्याण का मार्ग मिलता है। तपस्या और साधना में संत का मार्गदर्शन और एकाग्रता आवश्यक है। यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, आगम मनस्वी साहित्य भूषण कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सतकर्म बिना लंबी आयु भी सफल नहीं होती है। जीवन में सत्कर्म करें और आयु छोटी भी हो तो जीवन सफल होता है। सम्यक श्रद्धा बिना आत्म कल्याण का मार्ग नहीं मिलता है। शास्त्रों को श्रवण करने से धर्म ज्ञान का पुण्य लाभ मिलता है। श्रद्धा और विश्वास हो तो राख भी लाख में बदल सकती है और यदि श्रद्धा विश्वास नहीं हो तो लाख भी राख में बदल जाते है। साधना के प्रति समर्पित होना आवश्यक है तभी जीवन का कल्याण हो सकता है। समर्पण भाव से ही श्रद्धा मजबूत होती है। पुण्य और जीव दया जीवन के लिए कल्याणकारी होती है। धर्म सभा में साध्वी डॉ विजय सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा कि संसार में रहते हुए हमें विरक्त की तरह जीवन जीना चाहिए। क्रोध का जहर इंसान में ज्यादा होता है। क्रोध से सदैव बचना चाहिए। क्रोध विनाश का मार्ग है। धर्म शास्त्र तथा गुरु में समन्वय का होना आवश्यक है।

मुनि महाराज ने कहा कि क्रोध मान माया कषाय का त्याग करें तो जीवन में सफलता मिलती है। संयम जीवन विश्व का अनमोल उपहार है। संयम जीवन को अपनाए तो संसार से मुक्ति मिलती है। मानव शरीर में आत्मा का महत्व है आत्मा का ध्यान रखना चाहिए। संसार की सुख सुविधा हर जन्म में मिल सकती है परंतु मानव जन्म और जैन धर्म बार-बार नहीं मिलता है। औरआत्मा और शरीर के भेद को समझे बिना आत्म कल्याण का मार्ग नहीं मिलता है ।। चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की।

धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा. श्री अभिजीतमुनिजी म. सा. श्री अरिहंतमुनिजी म. सा. ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम्म, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत सिंह मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा, साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। इंदौर रतलाम, जावद जीरन, चित्तौड़गढ़, छोटी सादड़ी निंबाहेड़ा जावरा नारायणगढ़, उदयपुर आदि क्षेत्र से समाज जन सहभागी बने और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया।

धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता भंवरलाल देशलहरा ने किया।

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