नीमच। 84 लाख योनि में भटकने के बाद मनुष्य जन्म मिलता है मिलता है। मनुष्य जन्म एक मात्र जन्म है जहां पर धर्म कर्म का पुण्य नियम पूर्वक किया जा सकता है। धर्म कर्म का नियम मृत्यु को भी टाल सकता है। देवता भी धरती पर जन्म लेने के लिए इच्छा करते है। यह बात जैन दिवाकरीय भ्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न विजयमुनिजी म. सा. ने कही ये श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संयम जीवन से पूर्व अनेक बैराग्य धारी लोग ब्रह्मचारी नियम का व्रत संकल्प लेते हैं। जीवन में जो समय मिला है उसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए धर्म कर्म करना चाहिए।
मनोबल आत्मबल मजबूत हो तो संयम जीवन आत्म सात हो सकता है। जम्मू स्वामी की प्रेरणा से 828 आत्माओं ने एक साथ सामूहिक संयम ग्रहण किया था जो आज भी आदर्श प्रेरणादाई प्रसंग है आराधना तपस्या जीवन में महान बनाती है। उत्तराधयन सूत्र के अनुसार मानव जीवन में संयम ग्रहण करना उत्कृष्ट पुण्य धर्म है। प्रेम सद्भाव जीवन बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है। संयम जीवन में तपस्या का आनंद आता है स्वाद नहीं। माता-पिता की आज्ञा के बिना संयम जीवन ग्रहण नहीं करना चाहिए। सुधर्मा स्वामी ने मनुष्य जीवन को नाशवान बताया।
जम्मू स्वामी के उपदेश आदर्श प्रेरणादाई प्रसंग है। आगामी 15 अक्टूबर को प्रातः 9 बजे रमेश मुनि जी महाराज साहब की चतुर्थ पुण्यतिथि के पावन उपलक्ष्य में आत्म शांति और आत्म कल्याण के उद्देश्य से जैन दिवाकर भवन में नो तीर्थ की स्तुति के जाप व सामूहिक एकासना होंगे। सभी श्रद्धालु भक्त समय पर उपस्थित होकर धर्म लाभ का पुण्य ग्रहण करें इस अवसर पर दोपहर में जैन धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं। चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा., अरिहंतमुनिजी म. सा. ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी, आशा सांभर, शोभाराम वीरवाल, दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा, साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि लोग उपस्थित थे और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता निर्मल पीतलिया ने किया।