परमात्मा सर्वदर्शी है यदि हम स्वीकार करें तो कभी पाप कर्म से बचाव हो सकता है - आचार्य प्रसन्नचंद्र सागरजी, चातुर्मासिक मंगल धर्म सभा प्रवाहित

neemuch headlines October 5, 2023, 5:38 pm Technology

नीमच । परमात्मा सर्वज्ञ सर्वदर्शी है यह बात हम स्वीकार कर ले तो जब भी हम पाप करेंगे तो हमारे पाप करने की इच्छा होगी ही नहीं और पाप कर्म से बचाव हो सकता है। ज्ञान दर्शन चरित्र को श्रद्धा के साथ स्वीकार कर संयम जीवन को आत्मसात करें तो आत्मा का कल्याण हो सकता है। जैसा है जितना है वैसा ही स्वीकार करें और समता भाव रखें तो हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है। यह बातश्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में बंधू बेलडी पूज्य आचार्य श्री जिनचंद्र सागरजी मसा के शिष्य रत्न नूतन आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागरजी मसा ने कही। वे चातुर्मास के उपलक्ष्य में जाजू बिल्डिंग के समीप पुस्तक बाजार स्थित नवनिर्मित श्रीमती रेशम देवी अखें सिंह कोठारी आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्वान संतो की ऊर्जा ग्रंथ अध्ययन में उपयोग हो जाती है। यदि व्यक्ति की बुद्धि तीव्र हो तो गरिष्ट से गरीष्ट भोजन भी सुपाच्य हो जाता है

साधु सदैव स्वस्थ होना चाहिए। साधु को बचपन से ही आयम्बिल तपस्या का संस्कार सिखाया जाता है ताकि उसका शरीर कभी आलसी नहीं हो। साधु को सदैव सरल व समता भाव में रहना चाहिए तभी उसकी आत्मा का कल्याण हो सकता है। साधु को कभी भी अपनी किसी भी विशेषता व तपस्या पर अहंकार नहीं करना चाहिए। सादगी वाला जीवन व्यतीत करना चाहिए। साधु को हमेशा स्वाध्याय में लिन रहना चाहिए। साधु के संयम जीवन में एक-एक सेकंड का महत्व होता है इसलिए समय का सदुपयोग करना चाहिए नहीं तो आत्म कल्याण नहीं हो सकता। 14 राजयोग में मनुष्य जन्म दुर्लभ होता है। सामायिक प्रतिक्रमण में प्रायश्चित का भाव रखना चाहिए तभी आत्म कल्याण हो सकता है। श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने बताया कि धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावनचंद्र सागरजी मसा एवं पूज्य साध्वीजी श्री चंद्रकला श्रीजी मसा की शिष्या श्री भद्रपूर्णा श्रीजी मसा आदि ठाणा 4 का भी चातुर्मासिके सानिध्य मिला। समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उपवास, एकासना, बियासना, आयम्बिल, तेला, आदि तपस्या के ठाठ लग रहे है। धर्मसभा में जावद जीरन, मनासा, नयागांव, जमुनिया, जावी, आदि क्षेत्रों से श्रद्धालु भक्त सहभागी बने। धर्मसभा का संचालन सचिव मनीष कोठारी ने किया।

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