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दान करने से धन घटता नहीं पवित्र होता है प्रवर्तक श्री विजयमुनिजी म.

neemuch headlines October 4, 2023, 5:17 pm Technology

नीमच ।जिस प्रकार नदी में बहने वाला पानी कभी घटता नहीं है ठीक उसी प्रकार दान करने से धन कम नहीं होता है उल्टा 10 गुना होकर वापस लौटता है। दान करने से धन पवित्र होता है। धन दौलत आती- जाती दोनों ही दुखदाई होती हैं। ज्यादा धन कमाते हैं तो भी चैन नहीं मिलता है और धन चोरी हो जाता है तो भी चैन नहीं मिलता है। सच्चा सुख धन दौलत को दान करने से मिलता है इकट्ठा करने से नहीं धन दौलत दान करने से पुण्य बढ़ता है मन को शांति मिलती है। मृत्यु होने के बाद हमारे पास कुछ नहीं रहेगा सिकंदर की मृत्यु हुई जब दुनिया से गया तो उसके भी हाथ खाली थे।

व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके साथ दान धर्म पुण्य ही साथ जाता है। यह बात जैन दिवाकरीय भ्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संसार में भी अजीब लोग है। जब कोई चंदा मांगने आता है तो बहाना बनाते हैं और कहते हैं नहीं है। लेकिन जब आयकर और बिक्री कर वाले आते हैं तो जबरदस्ती रिश्वत देने का प्रयास करते हैं। यदि हम समय रहते दान पुण्य करेंगे तो रिश्वत देने का अवसर ही नहीं आएगा। क्योकि पुण्यवान व्यक्ति को कोई भी परेशान नहीं करता है। यदि हम प्रकृति के नियमों जीव दया का पालन करेंगे तो प्रकृति हमें बिन मांगे सब कुछ देती है। सरल आत्मा को परमात्मा का उपदेश भी जल्दी मिलता है। जहां भी रहे समाज के पीड़ित वर्ग का कल्याण के लिए कार्य करें जिस प्रकार सूर्य चढ़ता है तो ढलता भी है जीवन में प्रगति होती है तो आओ अउन्नति भी होती है धूप है तो छाया भी आती है दिन है तो रात भी आता है दुख है तो सुख भी आता है। साध्वी डॉक्टर विजया सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा किश्रद्धा और विश्वास के बिना ने जीवन में सफलता नहीं मिलती है। श्रद्धा और विश्वास है तो सब कुछ मिलता है। परमात्मा के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी तो जीवन में कभी दुख नहीं आएगा। आगामी 8 अक्टूबर को प्रातः 9 बजे आत्म शांति और आत्म कल्याण के उद्देश्य से जैन दिवाकर भवन में पंच तीर्थ की स्तुति के जाप होंगे।

सभी श्रद्धालु भक्त समय पर उपस्थित होकर धर्म लाभ का पुण्य ग्रहण करें। इस अवसर पर दोपहर में जैन धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं । चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा. एवं साध्वी विजय श्री जी म. सा. का, श्री अभिजीतमुनिजी म. सा. श्री अरिहंतमुनिजी म. सा. ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर धर्म सभा में अतिथि के रूप में दिलीप मोगरा बड़ी सादड़ी, हेमंत भंडारी उदयपुर, मधु छाजेड़ बड़ी सादड़ी, प्रकाश छाजेड़, श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी, आशा सांभर, शोभाराम वीरवाल, दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा , साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि लोग उपस्थित थे। और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता भंवरलाल देशलहरा ने किया।

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