नीमच । पूर्वजों के अच्छे कार्यों को जीवन में आत्मसात कर उन्हें पूरा करना ही श्राद्ध पक्ष में उन्हें सच्चा तर्पण व श्रद्धांजलि होगी।
जीव दया के साथ पुण्य परमार्थ के सेवा कार्य करें तो जीवन सफल हो सकता है। एक संस्कारी आत्मा के परिवार में जन्म लेने से पूरे परिवार का कल्याण हो जाता है। इसलिए हमें धर्म संस्कार के साथ पुण्य परमार्थ के कार्य करते रहना चाहिए। यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि हमें मुंबई की रेल में जाना है तो हम निश्चित समय से पूर्व रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं। लेकिन यदि हमें संतों के प्रवचन में जाना है तो हम निश्चित समय से देरी से पहुंचते हैं हमें चिंतन करना होगा कि हम धर्म संस्कार को किस प्रकार जीवन में आत्मसात कर पाते हैं परमात्मा की वाणी और उपदेश के अनुसार मनुष्य जीवन में क्षण मात्र का प्रमाद भी नहीं करना चाहिए नहीं तो हमारा कल्याण नहीं हो पाता है। यदि हमारे सामने किसी मुक प्राणी कुत्ते गाय के चोट लग जाए तो पूरा प्रयास करना चाहिए कि उसका उपचार हो सके और वह स्वस्थ हो सके तभी सही अर्थों में जीव दया जीव सेवा सफल हो सकती है।
प्रवचन का एक शब्द भी जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। रोहिंग्या चोर के कानों में कुछ शब्द पड़े थे उन्हीं शब्दों से उसकी रक्षा हुई थी और उसके जीवन में वैराग्य भाव जाग गया और उसने मुक्ति को प्राप्त किया था। मनुष्य को जो भी धन संपत्ति मिलती है वह पूर्वजों के पुण्य के कारण ही मनुष्य भाव और उसमें भी भारत भूमि में जन्म लेने का सौभाग्य मिलता है। इस अवसर पर सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं। चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की। धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा. एवं साध्वी विजय श्री जी म. सा. का, श्री अभिजीतमुनिजी म. सा. श्री अरिहंतमुनिजी म. सा., ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला।
चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी, आशा सांभर, शोभाराम वीरवाल, दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा, साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला परमार आदि लोग उपस्थित थे। और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता भंवरलाल देशलहरा ने किया।