नीमच। एनडीपीएस एक्ट विशेष न्यायालय के न्यायाधीश अनुज कुमार मित्तल की कोर्ट ने ट्रक से 170 किलोग्राम डोडाचूरा जब्ती के मामले में झूठा बनावटी प्रकरण पंजीबद्ध करने साक्ष्य पर पांच साल से जेल में बंद आरोपी ट्रक चालक को बरी कर तत्कालीन सिंगोली थाना प्रभारी समरथ सीनम पर तीन लाख का जुर्माना लगाकर प्रतिकर के रूप में तीन माह में पीडि़त चालक को अदा करने के आदेश दिए हैं। नीमच कोर्ट में यह पहला और ऐतिहासिक फैसला है, जिससे पूरे पुलिस और ज्यूडिशरी विभाग में खलबली मच गई है। अफीम तस्करी का झूठा केस बनाकर ट्रक चालक को फंसाने में एसआई समरथ सीनम पर 3 लाख का जुर्माना अफीम तस्करी का झूठा केस बनाकर ट्रक चालक को फंसाने में एसआई समरथ सीनम पर 3 लाख का जुर्माना जिला लोक अभियोजक चंचल बाहेती ने बताया कि 31 जनवरी 2019 को तत्कालीन सिंगोली थाना प्रभारी समरथ सीनम में बेंगू रोड पर वाहन चैकिंग के दौरान एक ट्रक रोककर तलाशी के दौरान 170 किलोग्राम अवैध डोडाचूरा जब्त किया था। पुलिस ने आरोपी चालक मनप्रीत सिंह और सुखपाल सिंह निवासी पंजाब के खिलाफ एनडीपीएस प्रकरण में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। वहीं मामले में सुखपाल सिंह को फरार बता दिया था। पुलिस ने चालक मनप्रीत सिंह से पूछताछ की इस दौरान उसने सिंगोली के महूपुरापूरण से अवैध डोडाचूरा भरना बताया है।
जिसमें धारा २९ के तहत महूपुरा निवासी रमेश धाकड़ के खिलाफ भी एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। उसके खेत से ही डोडाचूरा भरा गया था। इस प्रकरण में तीन अन्य और मुलजिम बनाए गए थे। जिनका नाम लवप्रीत सिंह , संदीप सिं , सुखविंदर सिंह है। जिन्हें कोट्र ने आरोपो से डिस्चार्ज कर दिया है। गिरफ्तार आरोपी चालक मनप्रीत सिंह के परिजनों ने एसपी को शिकायत दी थी कि मनप्रीत सिंह व अन्य को सिंगोली थाना प्रभारी सीनम ने 29 जनवरी 2019 का पकड़ा था और 31 जनवरी 2019 तक पांच दिन लॉकअप में बंद कर मारपीट की।
जबकि मनप्रीत ट्रक चालक है, उसके पास से कोई डोडाचूरा जब्त नहीं किया। वहीं जो मालिक है, उन्हें पुलिस फरार करवा दिया। थाने पर चालक को 36 से 40 घंटे अवैध रूप से बंद कर रखा गया। एसपी ने मामले में जांच कराई और मोबाइल की साइबर सेल ने जांच कर साक्ष्य दिए थे। तत्कालीन एसपी राकेश सग्गर ने विभागीय जांच में साक्ष्यों के आधार पर सिंगोली थाना प्रभारी समरथ सीनम पर पांच हजार जुर्माना लगाकर दंडित किया था। न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर जाना की पांच दिन से मनप्रीत को गिरफ्तार कर रखा गया। दो दिन बाद जांच शुरू कि जिसके पीछे अवैध लाभ की मंश या मिथ्या केस बनाना था। गत पांच वर्ष से आरोपी चालक मनप्रीत सिंह जेल में बंद है। न्यायाधीश मित्तल ने अपने 108 पेरा और 66 पृष्ठीय फैसले में मनप्रीत सिंह को दोष मुक्त कर बरी कर दिया है। वहीं बनावटी केस बनाने में संदिग्ध सिंगोली थाना प्रभारी एसआई समरथ सीनम को तीन लाख रुपए जुर्माने से दंडित करते हुए प्रतिकर के रूप में चालक मनप्रीत सिंह को तीन माह के भीतर अदा करने के आदेश दिए हैं। इस केस में अपर लोक अभियोजक अरविंद शर्मा और आरोपी चालक की तरफ से एडवोकेट सलीम दुर्रानी ने पैरवी की है।