नीमच। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 01 सितम्बर को नीमच आ रहे है। कमलनाथ यहां कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक लेंगे। साथ ही जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। वहीं जिला कांग्रेस ने कमलनाथ के आगमन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलनाथ हवाई पट्टी पर प्रेस वार्ता करेंगे।
इसके बाद कमलनाथ शहर के दशहरा मैदान में आमसभा को संबोधित करेंगे। क्या फिर शक्ति प्रदर्शन के नाम पर दिखेगी गुटबाजी? :- पूर्व मंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य कमलेश्वर पटेल 3 दिन पूर्व नीमच आए थे। इस दौरान नीमच जिले की तीनों विधानसभा से दावेदारी कर रहे कांग्रेस नेताओं ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। इस दौरान गुटबाजी भी खुलकर सामने आई थी, जिसको लेकर पूर्व मंत्री पटेल ने भरे मंच से कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिदायत भी दी थी।
वहीं कमलेश्वर पटेल, पूर्व सीएम के ख़ास भी माने जाते हैं तो संभवतः नीमच में घटित गुटबाजी का यह घटनाक्रम पीसीसी चीफ कमलनाथ तक जरूर पहुंच चुका होगा। वहीं कमलनाथ का यह दौरा कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी और राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। समंदर पटेल की कांग्रेस में वापसी के बाद कमलनाथ प्रथम बार नीमच आ रहे हैं। सूत्रों के हवाले से कमलनाथ के आगमन को लेकर समंदर पटेल ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। समंदर पटेल भी लाव लश्कर के साथ कमलनाथ के स्वागत की तैयारियों में लग गए हैं। वहीं नीमच जिले से भी सभी विधानसभा के उम्मीदवार अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन फिर से कमलनाथ के सामने करेंगे। जिसको लेकर दशहरा मैदान में अपेक्षित से ज्यादा भीड़ आने की सम्भावना लग रही हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सभा में कमलनाथ नीमच शहर की सबसे जटिल समस्या बंगला-बगीचा के समाधान को लेकर भी बड़ी घोषणा कर सकते हैं। सीएम शिवराज द्वारा बंगला बगीचा समस्या के समाधान को लेकर जो मसौदा तैयार किया गया था, उस मसौदे में कई तरह की विसंगतियां व खामियां हैं। इस मसौदे के पारित होने केब बाद सामने आई विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर बंगला-बगीचा संघर्ष समिति के पदाधिकारी व सदस्य भी कमल नाथ से मुलाकात करेंगे। आपकों बता दें कि बंगला बगीचा क्षेत्रों में हजारो लोग निवास करते हैं। ये सभी लोग समय समय पर समाधान के लिए बनाए गए जटिल नियमों में सरलीकरण की मांग करते आए हैं। लेकिन भाजपा की शिवराज सरकार ने सिर्फ इन्हें समाधान ही दिया है। समस्या अभी भी जस की तस ही बनी हुई है। वहीं देखना यह भी हैं कि नीमच में कांग्रेस में व्याप्त इस गुटबाजी को लेकर कमलनाथ क्या एक्शन लेते हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव में अब समय बहुत कम बचा है और नीमच कांग्रेस की इस गुटबाजी की चर्चा प्रदेश और देश की राजधानी तक पहुंच चुकी है। अब देखना यह है कि मंडलम/सेक्टर की मीटिंग में कमलनाथ जीत का कौनसा मंत्र कार्यकर्ताओं को देकर जाते हैं, जिससे कांग्रेसी केवल कांग्रेस का निशान देखकर ही चुनावी मैदान में काम करें। ये है विधान सभा के प्रमुख दावेदार-- तरुण बाहेती, सत्यनारायण पाटीदार, राजकुमार अहीर, भानु प्रताप सिंह, समंदर पटेल, उमराव सिंह, श्रीमती मधु बंसल, नरेंद्र नाहटा विधानसभा के पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दौरे को लेकर शक्ति प्रदर्शन का एक बड़ा ही माहौल देखने को मिल रहा है जिसमें जावद विधानसभा क्षेत्र से राजकुमार अहीर समंदर पटेल और सत्यनारायण पाटीदार के बिच नामो की घोषणा हों सकती है। वही नीमच विधानसभा क्षेत्र में तरुण बाहेती, भानु प्रताप सिंह एवं मधु बंसल में से किसी एक नाम पर मोहर लगा सकती है। तो दूसरी और मनासा क्षेत्र में किसान नेता एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता उमराव सिंह गुर्जर एवं नरेंद्र नाहटा के बीच किसी एक नाम की घोषणा हो सकती है। कुछ नाम ऐसे भी है जो विधानसभा के बीच अचानक उभरे :- उनमें जावद से प्रकाश जैन रांका है जिनका दूर-दूर तक राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। परंतु वे भी अपने आप को विधानसभा का दावेदार मान बेठे है। वही मनासा से डॉ. मंगेश संघई भी है जो केवल अपने व्यावसायिक बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस का दामन थामें हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि हाई कमान तक उनकी पहुंच नहीं है डॉ. संघई केवल जमीनी स्तर पर वाह वाही लुटते है। इनका विधान सभा क्षेत्र में कभी कोई बड़ा योगदान नहीं रहा है।