नीमच। म.प्र. जन अभियान परिषद की स्नेह यात्रा दसवें दिवस में नीमच विकासखण्ड के ग्राम भादवामाता से प्रारंभ हुई जो सावन, जवासा, बोरखेडी, गिरदौडा, जमुनियाखुर्द, जमुनियाकलां, पिपल्या बाग, झांझरवाडा, होते हुऐ रात्री को धामनिया पहुंची जहां जन संवाद के साथ सहभोज एवं रात्री विश्राम हुआ। स्वामी श्री सीतानाथ प्रभुजी, मुरारी हरीदास प्रभुजी, अमृत कृष्ण प्रभुजी, रघुनाथ प्रसाद प्रभुजी द्वारा ग्रामवासियों के घर-घर जाकर रक्षा सूत्र बांधकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया जा रहा है। स्नेह यात्रा को दस दिवस पूर्ण हो चुके है और अंतिम ग्यारहवें दिवस में प्रवेश कर रही है, स्नेह यात्रा पूर्ण सफलता के साथ अपने उत्कर्ष चरम और अंतिम पढाव पर पहुंच रही है। यात्रा की सफलता में म.प्र. जन अभियान परिषद जिला नीमच और ग्रामवासियों, वनवासियों के जनसहयोग का अभूतपूर्व, अमूल्य योगदान रहा है जिसने जहां जहां यात्रा गुजरी वहां वहां लोगो को सामाजिक समरसता का संदेश देकर उन्हें भाव विभोर कर दिया। इस्कॉन के प्रमुख संत स्वामी श्री सीतानाथ प्रभुजी ने अपने प्रवचनों में लोगो को संदेश दिया कि सामाजिक समरसता का संदेश हर व्यक्ति द्वारा अपने ही ग्राम, क्षेत्र में घर-घर जाना चाहिए, ना तेरा, ना मेरा, सब कुछ ईश्वर का, हम सब एक दूसरे से जुड़े हुए है, जब परम पिता परमेश्वर ने कोई भेद नहीं रखा तो हम सब क्यों आपस में वर्गभेद, वर्णभेंद, मतभेद रखते है, पुरातन काल में कभी भी छुआछूत नही रहीं, हमारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता को विदेशी आक्रमणताओं ने तोडने की कोशिश की जिसके कारण हमारी संस्कृति को जो क्षति हुई है उसकी हमें सामाजिक समरसता एवं सांस्कृतिक एकता से प्रतिपूर्ति करना है। यात्रा में गायत्री परिवार, इस्कॉन, पतंजिल योग समिति, योग आयोग, नवांकुर एवं प्रस्फुटन प्रतिनिधी, परामर्शदाता, सीएमसीएलडीपी स्टूडेंटस, सामाजिक कार्यकर्ता सहित प्रत्येक ग्राम में बडी संख्या में सभी वर्ग, धर्म, संप्रदाय के अनुयायी एवं ग्रामवासियों ने उपस्थित होकर यात्रा का पुण्य लाभ लिया।