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श्रावण अधिक मास का रवि प्रदोष व्रत आज, नोट कर लें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री की लिस्ट जाने कैसे करे प्रदोष काल मे भोलेनाथ की पूजा अर्चना|

Neemuch Headlines August 13, 2023, 6:57 am Technology

इस समय अधिक मास चल रहा है। अधिक मास का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। अधिक मास का दूसरा प्रदोष 13 अगस्त को यानी आज है। 13 अगस्त को रविवार है। रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है।

प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल के दौरान पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन सुखमय हो जाता है।।

रवि प्रदोष व्रत मुहूर्त:-

श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ 08:19 ए एम, अगस्त 13

• श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त - 10:25 ए एम, अगस्त 14

• प्रदोष काल 07:03 पी एम से 09:12 पी एम अधिक मास की समाप्ति के साथ ही शुरू होंगे इन 4 राशियों के अच्छे दिन, 31 अगस्त तक बरसेगी

शिव कृपा प्रदोष व्रत पूजा-विधि:-

• सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

• घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

• अगर संभव है तो व्रत करें।

• स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

• भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

• भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

• इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ ऐप पर पढ़ें से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

• भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

• भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

• भगवान शिव की आरती करें।

• इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। मंगल करेंगे कन्या राशि में प्रवेश, मेष, मिथुन, तुला वालों के जीवन में होंगे बड़े बदलाव,  अपनी राशि का हाल प्रदोष व्रत

पूजा सामग्री:- 

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, आम्र पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर,  की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का क ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जो की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन,

● शिव व मां पार्वती की श्रंगार की सामग्री आदि।

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