मुम्बई । श्रद्धा ओर विश्वास ही धर्म की पहली सीढ़ी है जहां आस्था अडिग होती है वहां सारे काम बनते है ऐसे ही नजारे जैनाचार्य महामांगलिक प्रदाता श्री विश्वरत्नसागर सूरी जी द्वारा प्रदत्त महामांगलिक श्रवण से लोगों के काम बनने लगे है। परम पूज्य आचार्य मालवा के भगवान एवं जन-जन की आस्था ओर श्रद्धा के केन्द्र महान तपस्वी आचार्य देव श्री नवरत्नसागर सूरी जी महाराजा के द्वारा प्रदत्त महामांगलिक हजारों लाखों जैनों ओर अजैनों द्वारा सुनकर ओर श्रद्धा रखते हुए अपने बिगड़े काम बनाये ओर जीवन में सुख अर्जन किया धर्म की राह पर चल कर गुरू वाणी सुनते हुए पुण्य अर्जन किया। नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यशवंत सांकला ने बताया कि महा प्रभावकारी महामांगलिक सुनने से हजारों श्रद्धालुओं की आधी-व्याधि ओर उपाधि का नाश होता आया है विघ्नों को हरने वाली मनवाछिंतों को पूर्ण करने वाली विशिष्ट मंत्रों से युक्त, साधनाओं से सिद्ध महान चमत्कारी, महाप्रभावकारी महामांगलिक की कड़ी को आगे बड़ाते हुए परम शिष्य ओर परम कृपा पात्र सर्वधर्म दिवाकर, लाखों युवानों के राहबर आचार्य देव श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वर जी महाराजा ने गुरू आज्ञा से जब से महामांगलिक प्रदान करना शुरू की है तब से प्रत्येक महामांगलिक में हजारों लोगों की आस्था का सेलाब उमडऩे लगा हे लोग भारत भर के अनेक हिस्सों से गुरूदेव श्री के मुखार विन्द से महामांगलिक श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाने हर माह उपस्थित होते है। ओर लाखों लोग घर बैठकर पारस चेनल के माध्यम से श्रवण करते है, श्रद्धालुओं द्वारा कहा गया कि लगातार पांच महामांगलिक सुनने से कईयों की बीमारी दु:ख तकलीफ ओर पैसों आदि से जुड़ी कई चिंताएं दूर हुई है, श्री विश्वरत्न सागर सूरी जी महाराजा भी पूज्य बडे गुरूदेव श्री के आशीर्वाद ओर कृपा से उतनी ही श्रद्धा ओर आस्था के साथ लोगों को महामांगलिक प्रदान कर उन पर विशिष्ट मंत्रोच्चार से सिद्ध वासक्षेप प्रदान कर सबके बिगडे काम बनाने के लिए आशीर्वाद प्रदान करने महामांगलिक के बाद देर तक वासक्षेप प्रदान करते है जिससे हजारों श्रद्धालुओं की आधी-व्याधि ओर उपाधि का नाश होता है विघ्नों को हरने वाली मनवाछिंतों को पूर्ण करने वाली विशिष्ट मंत्रों से युक्त, साधनाओं से सिद्ध महानचमत्कारी, महाप्रभावकारी है ओर सब संकट दूर होते है, जिसके हजारों उदाहरण सामने है प्रथम उदाहरण सीहोर गुजरात भावनगर के एक अजैन शिक्षक का है जो प्रति माह गुरूदेव की महामांगलिक श्रवण करते थे उनके पुलिस मित्र की धर्मपत्नि शारीरिक रूप से अस्वस्थ व बिस्तर पर थी उनके शरीर में किसी प्रकार की कोई हलचलन नही थी डॉक्टर सिर्फ दवाईयों के भरोसे थे तो उनको जब गुरूदेव की महामांगलिक के बारे में बताया ओर पारस चेनल पर सुनने के लिए कहा तो महामांगलिक में आने वाले संकल्प विधान के प्रभाव से उनके शरीर में उसी दिन कुछ हलचल हुई ओर उसके बाद लगातार सुधार आता गया साथ ही उन्होनें अगले माह फिर महामांगलिक श्रवण की ओर अब वे पूर्णता: स्वस्थ है वही दूसरा उदाहरण मैसूर की विनीता बेन का है जिनकी डिलेवरी के बाद बच्चे के फेफड़े में पानी ओर इन्फक्शन हो जाने से बच्चे को तुरंत आईसीयू में रखना पड़ा ओर 5 दिन बाद डॉक्टरों द्वार जवाब दे दिया गया कि यह अब ज्यादा स्वस्थ नही हो सकेगा ओर कुछ कहा नही जा सकता पर ममता मयी माँ ओर परिजनों को पूज्य गुरूदेव की महामांगलिक का हमेशा श्रवण करने की लगन थी ओर गये महीने की नाशिक की महामांगलिक की ही घटना घटित हुई जब उस बच्चे को डॉक्टर की परिमिशन से गुरूदेव की महामांगलिक के संकल्प विधान के मंत्रों ओर प्रक्रिया करवाई गई तो महामांगलिक के प्रभाव से 10 दिनों में बच्चें के स्वास्थ्य मे आश्चर्यजनक सुधार हुआ ओर 15वे दिन डॉक्टरों की टीम ने उसे स्वस्थ्य घोषित किया ओर उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई, ऐसे अनेक उदाहरणों के साथ पूज्य गुरूदेव श्री विश्वरत्नसागर सूरी जी के महामांगलिक से लाभ मिलने के कई उदाहरण सामने है वही 18 जुलाई को मुम्बई नगर में पुन: गुरूदेव श्री के मुखारविन्द से महामांगलिक 12 बजकर 39 मिनिट से होने जा रही है जिसको पारस चेनल पर श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाये।