सम्यग्दर्शन गुण की शुद्धि के लिए वात्सल्य अंग को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है- मुनिश्री सुप्रभ सागर
सिंगोली। सम्यग्दर्शन गुण की शुद्धि के लिए वात्सल्य अंग बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह बात नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षा प्राप्त व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने रविवार को प्रातः काल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वात्सल्य अंग को सम्यग्दर्शन का ह्रदय कहा गया। मानव शरीर के हाथ-पैर आदि अंग काम न करे तो भी जीवित रह सकता है परन्तु हृदय फेल हो जाए तो वह मृत हो जाता है उसी प्रकार वात्सल्या गुण के बिना सम्यग्दर्शन मृतप्राय: ही कहा जायेगा। सधर्मी के प्रति सहयोग समन्वय, तालमेल और योगदान करना ही वात्सल्य अंग कहा जाता है। जब तक हृदय में प्रेम वात्सल्य नहीं होगा, तब तक ये सभी बातें नहीं आ सकती है। यदि व्यक्ति अपने प्रेम-वात्सल्य के द्वारा दूसरों के हृदय में स्थान बना लेता है, तो वह कही भी चला जाए, उसके सहयोग के लिए लोग तैयार खड़े मिलेंगे। वात्सल्य अंग की पालना करने के लिए ओर कही जाने की आवश्यकता नहीं है, उसका प्रारंभ घर से ही होना चाहिए। समन्वय और आपसी तालमेल के द्वारा परिवार समाज और देश में सुख-समृद्धि आ सकती हैं। और समन्वय तालमेल का आधार वात्सल्य भाव है। परिवार में, समाज मे भिन्न-भिन्न विचारो वाले लोग होते है, उन सब को तालमेल बैठाकर कार्य करने से कलह-असंतोष नहीं आता है। गुलदस्ता विविध फूलों के तालमेल से सुन्दर बनता है वैसे ही सबके बीच तालमेल बनाकर परिवार, समाज की प्रतिष्ठा को बढाया जा सकता है। वही मुनिश्री दर्शित सागर जी महाराज ने कहा कि दर्शित सागर जी महाराज ने कहा कि संस्कारों का प्रभाव जीवन पर बहुत होता है। चातुर्मास में गुरुओं का सान्निध्य पाकर यदि हम व्रत नियम की ओर नहीं बढ़ते है तो उस से सत्संग का आपके लिए कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। धर्म प्रदर्शन 'नहीं आत्म दर्शन का साधन है। आज से नन्हें बच्चे बच्चों को आप लोग अंगुलि पकड कर मन्दिर ला रहे हो कल आपकी वृद्धावस्था मे वे आपका हाथ पकडकर आपको मन्दिर लेकर आयेगे। बच्चे पढकर नहीं सीखते है,वे देखकर सीखते है। जैसा बडे लोग करते है, वैसा ही वे अनुसरण करते है। इसलिए आप बच्चों को जो सीखाना चाहते है, पहले आप स्वयं उसे करना प्रारंभ कर दे। आज जैसे एक छोटे बालक का प्रथम अभिषेक दिवस उत्सव पूर्वक मनाया गया, वैसा प्रत्येक परिवार को अपने बच्चे का मनाना चाहिए वही मध्यप्रदेश शासन के मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा भी मुनिश्री ससंघ दर्शनार्थ पहुंचे जहा पर मुनिश्री ससंघ को श्री फल अर्पित कर आशीर्वाद लिया इस अवसर पर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा बघेरवाल परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष भगवती लाल मोहिवाल बघेरवाल मेवाड़ प्रान्त के अध्यक्ष सुरेश पटवारी नाथूलाल सांवला लाम्बोखाह सुरेश बाबरिया रामगंजमंडी चांदमल ठग बोराव रमेशचन्द चोधरी बिजोलिया भाजपा महामंत्री अशोक सोनी (विक्रम) सिंगोली नगर परिषद अध्यक्ष सुरेश कुमार बगड़ा का चातुर्मास कमेटी ने तिलक माला शाल व पगड़ी पहनाकर सभी का स्वागत अभिनन्दन किया वही प्रातः काल श्री जी का अभिषेक व शांतिधारा हुई प्रथम बार अभिषेक दिवस के रूप मे प्रथम शान्तिधारा करने का सौभाग्य अनय कुमार अखिलेश कुमार चांदमल पुष्पेन्द्र कुमार बगड़ा परिवार को प्राप्त हुआ वही मुनिश्री ससंघ को शास्त्र भेंट पाद प्रक्षालन क्षालन व दिप प्रज्वलन का सोभाग्य समाजजनों को प्राप्त हुआ कार्यक्रम के दौरान बिजोलिया बोराव झांतला धनगाव थडोद रावतभाटा कोटा ठुकराई डाबी लाम्बोखाह आदी गावो के समाजजन उपस्थित थे।