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लम्पी स्किन बिमारी से डरे नहीं सावधानी बरते, मनुष्यो मे नही फैलती यह बीमारी प्रेस वार्ता में बोले पशु चिकित्सक पढ़े खबर

मंगल गोस्वामी September 21, 2022, 6:15 pm Technology

मनासा। गौवंश मे हो रही लम्पी स्किन संक्रमण को लेकर पशु चिकित्सक कार्यालय मे हुई, प्रेस वार्ता मे अनुविभागीय अधिकारी पवन बारीया ने बताया की किसी भी प्रकार की भ्रान्ति से बचे और सोशल मीडिया पर चल रही बातों की विभागीय विशेषज्ञ से पुष्टि कर ले।

आवश्यक सावधानी बरते संक्रमित पशु को पृथक रखे। नगर के आमलिया बाग में बीमार पशुओं का आइसोलेशन सेन्टर बनाया गया है।

कुकडेश्वर, रामपुरा में भी लावारिस पशुओं के लिए आइसोलेशन सेन्टर स्थापित किए जा रहे हैं एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए गोशालाओं में प्रारम्भ करने की योजना है। निजी पशु मालिक अपने संक्रमित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से पृथक करने हेतु होम आइसोलेशन सिद्धांत का पालन करें।

लम्पी संक्रमण पशु को खुला छोडने कि स्तिथी मे पशुपालक के विरुद्ध धारा 188 की कार्रवाई की जाऐगी। वर्तमान में पशुओं में विशेषकर गौवंश में लम्पी स्किन का संक्रमण फैल रहा है। इस बिमारी से डरने की नहीं सावधानी बरतने की जरुरत है।

उक्त बात मनासा पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश पाटीदार ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। डॉ. पाटीदार ने बताया कि उक्त बिमारी गौवंश में मक्खी मच्छर के काटने से पाक्स वायरस के कारण फैलती है। यह रोग मनुष्यों या अन्य पशुओं में नहीं फैलता है। सोशल मिडिया पर फैलायी जा रही इस भ्रांन्ति से बचने की जरुरत है। उक्त रोग से पशु मृत्यु भी न के बराबर होती। वही पशु चिकित्सक विभाग मनासा मे अभी तक 11220 टिके प्राप्त हुए थे, जो गोशालाओं तथा प्रभावित ग्रामों में प्राथमिकता से निःशुल्क लगाए गए हैं, ओर टिके प्राप्त होने पर निःशुल्क लगाऐ जाऐगे। वरिष्ठ कार्यालय को मांग भेजी गई है। डॉ. पाटीदार ने बताया की उक्त बीमारी के लक्षण दिखने पर पशु को पृथक रखे ताकि बिमारी और न फैले तथा उसको पानी चारा पृथक से खिलाएं, पशुओं को मक्खी, मच्छर के काटने से बचाने हेतु "पशुशाला' या स्थल पर धुआ करें या पशुओं के शरीर पर नीम का तेल लगाए ताकि मक्खीयों के काटने से बचाव हो सके।

उक्त बिमारी के लक्षण आने पर यदि पशु "चारा पानी "ले रहा हैं ,तो चिन्ता न करें यदि चारा पानी छोड़ता है तो निकट के पशु चिकित्सा संस्था प्रभारी से सम्पर्क कर उपचार करवाएं। डॉ. पाटीदार ने पुनः स्पष्ट किया कि उक्त बिमारी मनुष्यों में नहीं फैलती है फिर भी कच्चे दूध का सेवन न करते हुवे गरम कर ही उपयोग में लाए किसी भी प्रकार की भ्रान्ति से बचे, सावधानी बरतें और बीमार पशु को पृथक रखें, मक्खी मच्छर से बचाएं और आवश्यकता होने पर निकटस्थ पशु चिकित्सा स्टाफ से उपचार करवाएँ। वही,ड्रा राजेश पाटीदार ने बताया कि मनासा ब्लाक की पशु संख्या, गौवंश ( गाय) 85569 है,व भैसवंस (भैस ) संख्या 57180 है। अभी तक प्रदायित टिके डोज 11220 प्राप्त हुए थे जिसमे गौवंश मे 13375 लगाऐ गये जो इस प्रकार है, कि प्राप्त टिके मे बडे पशु गाय, व छोटे बच्छड़े के मान से दवाई का उपयोग कर 13375 डोज लग चुके है। भैसवंश( भैस ) लम्पी संक्रमण से लडने की शक्ति जादा होने से उसमे यह बिमारी न के बराबर फैलती है,अभी तक एक भी भेस का केस देखने मे नही आया है। मनासा नगर में 105 निराश्रित पशुओं को टिके लगाकर लाल रंग से मार्किंग की गई।

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