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हिंदी मातृ भाषा से बढ़ कर प्राण भाषा बन जावे- डॉक्टर सहगल

संजय शर्मा September 17, 2022, 10:02 am Technology

भानपुरा। हिंदी सप्ताह के अन्तर्गत नगर की प्रमुख शिक्षण संस्था भानपुरा पबलिक स्कूल में गरिमामय आयोजन में मालवांचल के ख्यात लोक साहित्य मर्मज्ञ डॉक्टर पूरन सहगल ने प्रमुख अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भारत की एक मात्र पहचान है उत्तर से दक्षिण तक तथा पूरब से पश्चिम तक हिंदी भारत को जोड़ चुकी है ।केरल विश्व विद्यालय में हिंदी बड़े चाव से पढ़ाई जा रही है।पांडिचेरी में हिंदी को सम्मान दिया जा रहा है। हिंदी हमारी मातृभाषा है अब इसे प्राण भाषा बना कर हम जीवन में इसे अपनाने का संकल्प ले ।अंग्रेजी वी अन्य भाषाओं को भी हम सीखे। उक्त विचार डॉक्टर सहगल ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का आरम्भ मां शारदा वंदना से हुआ।संगीतमय प्रस्तुति बालकों बालिकाओं द्वारा दी गई।निदेशक कवि श्याम टेलर ने अतिथि परिचय दियाएवम पुष्प मालाओ से स्टाफ द्वारा सेगत किया गया। स्वागत भाषण प्राचार्य श्याम मेहर ने दिया। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर प्रद्युम्न भट्ट ने कहा कि हिंदी पूर्ण वैज्ञानिक भाषा है जन जन के हृदय की भाषा हे।विश्व में चाइनीज के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिन्दी है।यह हमारे संस्कारों की भाषा है। इस आयोजन में विद्यालय के छात्र छात्राएं पालक व स्टाफ शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रही।अंत में आभार श्याम टेलर ने माना तथा संचालन शिक्षिका पूजा धाकड़ ने किया।

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