मनासा। जीवन मे सत्संग का काफी महत्व है। गाय के सींग पर राई टिक जाए इतना भी सत्संग मिल जाए और उससे अच्छी बात जीवन मे उतार लें तो जीवन सार्थक हो जाता है।
जहां अच्छे विचार हो वही ठहरना चाहिए। कुसंगति का साथ मिलने से जीवन बर्बाद हो जाता है। जीवन हमे लीज पर मिला है, अच्छे काम करे।
यह सदविचार साध्वी सीता बहन ने गांव पिपलियारावजी में नागदा परिवार के आग्रह पर अल्प प्रवास पर जैन मंदिर परिसर में प्रवचन माला में कहे। सीता बहन ने कहा कि यह जीवन ईश्वर ने हमे लीज पर दिया है। कोरोना काल के बाद सभी को नया जीवन मिला है। इस जीवन को प्रभु सुमिरण में लगाए।
मानव जीवन ईश्वर ने दिया है। जो अवसर हमे दिया वो बेकार नही चला जाए। इसको लेकर हमे समाज कल्याण के लिए काम करे। सत्संग से ही संस्कार आते है। जो परिवार प्रेम की नींव पर खड़ा होगा वहां पर लक्ष्मी खुद चली आती है। परिवार में प्रेमराज हो ऐसे विचार और संस्कार ले। मनुष्य जीवन की सार्थकता तभी है जब इसे आप सत्संग के साथ आनंद के साथ जिए।
भगवान राम के आदर्शों को जीवन मे उतारे। साध्वी ने भगवान राम दरबार की पूजा अर्चना के बाद व्यास पीठ से प्रवचन हुए। साध्वी सीता बहन का स्वागत रावत दिग्विजयसिंह जी सहित प्रवचन के यजमान मदनलाल नागदा, सरपंच प्रतिनिधि लोकेन्द्रसिंह भाटी, डालूराम नागदा, राधेश्याम नागदा, पूर्व सरपंच किशोर नागदा, मोहनलाल नागदा, रामप्रसाद नागदा पटवारी यशवंत नागदा, शिवप्रसाद नागदा, शांतिलाल नागदा, रिखबचंद वीराणी, रमेशचन्द्र नागदा, डॉ मुकेश राठौर, जगदीश नागदा, बनवारीलाल नागदा, गोपालकृष्ण नागदा, कांजी कोठीफोडा, गुलाबचंद कोठीफोडा, मनीष नागदा, अनिल नागदा, दिनेश नागदा, मांगीलाल पोरवाल, तेजपाल पाटीदार, सहित ग्रामीणों ने पुष्पमाला से किया। रावत दिग्विजयसिंह ने शाल श्रीफल से सम्मान किया।
साध्वी ने अपने संगीत गुरु स्व सुखलाल दमामी को याद करते हुए उन्हें नमन किया। साध्वी ने ओंकारेश्वर में आयोजित होने वाली कथा में आने का न्यौता रावत दिग्विजयसिंह जी को दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। साध्वी सीता बहन शिक्षक शिवप्रसाद और नागदा परिवार के विशेष आग्रह पर भादवामाता से पिपलियारावजी रावजी पहुँची। संचालन शिक्षक शिवप्रसाद नागदा ने किया और अंत में आभार सरपंच प्रतिनिधि लोकेन्द्रसिंह भाटी ने माना।