रतनगढ़ में बरसते पानी में निकले बैवाण, उत्साह से मना डोल ग्यारस पर्व, राजस्थानी कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुतियां, पवन व्यायाम शाला के कलाकारों ने दिखाए हैरत अंगेज करतब

निर्मल मूंदड़ा September 8, 2022, 1:17 pm Technology

रतनगढ़। जहां एक तरफ पूरा नगर इन दिनों चल रहे 10 दिवसीय भगवान गणेशोत्सव पर्व पर गणपति उत्सव की अराधना के रंग में पूरी तरह से तन्मयता से भक्ति भाव मे डूबा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ नगर में डोल ग्यारस, जलझूलनी एकादशी पर्व पूर्ण आस्था उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर पूरा नगर भक्तिमय वातावरण में डूब गया। इंद्रदेव की विशेष मेहरबानी के चलते तेज बारिश के बीच पानी से तरबतर होने के बाद भी भक्तों के उत्साह मे कोई कमी नहीं आई। ऐसा लग रहा था कि जैसे इन्द्रदेव भी भगवान और भक्तों के लिये अमृत रुपी पानी की फूहार से स्नान कराने आए हो।

इस अवसर पर नगर के सभी मंदिरो से विशेष आकर्षक रूप से सजे सजाए बैवाण निकाले गए जिसमें सभी मंदिरों मे विराजमान भगवान की आदमकद चमत्कारिक मूर्तियों को सुंदर एवं मनमोहक रूप से श्रंगारित कर सजाया गया था।

सभी श्रंगारित बैवाणो को भक्तो द्वारा अपने कंधों पर उठाकर गाजे बाजे, लैझिम, ताशो के साथ ढोल धमाकों व आतिशबाजी एवं फूल गुलाल की वर्षा करते हुए शोभायात्रा के रूप में विशाल जनसमूह के साथ नगर के सभी प्रमुख मार्गो से निकाला गया

इन मंदिरों से निकले बैवाण :-

इस चल समारोह का मुख्य आकर्षण का केंद्र सबसे अंत में चल रहे सुंदर रथ के ऊपर लगभग डेढ क्विंटल से भी अधिक चांदी के बने सुंदर आकर्षक झूले में विराजित भगवान श्री लक्ष्मीनारायण की आदमकद चमत्कारिक मूर्तियां थी साथ ही रथ मे दोनों तरफ सुंदर आकर्षक वेशभूषा में सजे भक्त भगवान के चंवर झूलाते हुए चल रहे थे।

चल समारोह में सबसे आगे पवन व्यायाम शाला के कलाकारो एवं सैकड़ों महिला पुरुष भक्तगण भगवान के जयकारे लगाते हुए एवं फूल गुलाल की वर्षा करते हुए नाचते गाते चल रहे थे। इसके साथ ही राजस्थान से आए लोक नृत्य कलाकारों द्वारा सुंदर वेशभूषा में सज धज कर विभिन्न भजनों पर आकर्षक लोक नृत्य व भजन कीर्तन सबका मन मोह रहे थे।

चल समारोह मे सबसे आगे भगवान श्री गोवर्धननाथ का बैवाण व प्राचीन किले से आया श्री राम जानकी मंदिर का बैवाण, नामदेव दर्जी समाज, खाती समाज, कुमावत समाज, माहेश्वरी समाज, माली समाज, कोली समाज, स्वर्णकार समाज सहित अन्य मंदिरों के बैवाण चल रहे थे।

झांकियो व कलाकारों को किया पुरस्कृत :-

इस अवसर पर नगर के नन्हे मुन्ने बालको के द्वारा भी इस धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लगभग 8-10 आकर्षक झांकियां हाथ ठेला गाड़ियों पर सजा रखी थी जो सभी महिला पुरुष भक्तो का मन मोह रही थी। स्थानीय झंडा चौक एवं नदी दरवाजा प्रांगण पर पवन व्यायाम शाला के पहलवानों द्वारा हैरत अंगेज करतब दिखाए गए एवं अपनी कलाकारी का शानदार प्रदर्शन किया गया।

सभी मंदिरों के पुजारियों एवं पवन व्यायामशाला के उस्तादों को साफा बांधकर, एवं पवन व्यायाम शाला के उस्ताद कंवरलाल मीणा, मोहन ग्वाला, अभिषेक टेलर आदि को नगर परिषद अध्यक्ष एवं लक्ष्मीनारायण मंदिर ट्रस्ट के द्वारा नगद राशि का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

शोभायात्रा मे रास्ते भर ढोल की थाप पर युवा वर्ग नृत्य करते हुए एवं भगवान के जयकारे लगाते हुए सभी मुख्य मार्गों से होते हुए नदी दरवाजा प्रांगण पर पहुंचे।

जहां भगवान को शाही स्नान कराकर हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों की उपस्थिति में विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई। श्री चारभुजा मित्र मंडल के द्वारा सभी भक्तों को फलाहारी खिचड़ी प्रसाद वितरण कर विभिन्न मंदिरों से आए बैवान पुनःअपने गंतव्य की ओर चल पड़े जहां पुनः सभी मंदिरों पर एक बार फिर आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।

मनाई वामन जयंती :-

दूसरे दिन भगवान श्री गोवर्धननाथ मंदिर पर वामन अवतार जयंती मनाई एवं आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया इस अवसर पर रतनगढ सहित आसपास के ग्रामीण अंचल की हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तगण विशेष रूप से उपस्थित थे।

पूरे आयोजन के दौरान नगर परिषद, पुलिस प्रशासन, तहसील टप्पा कार्यालय की व्यवस्था भी पूर्ण रूप से चाक-चौबंद रही।

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