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मध्यप्रदेश में 1 लाख 65 हजार अध्यापकों के आक्रोश का कारण बन रही हैं क्रमोंन्नति

मंगल गोस्वामी August 4, 2022, 6:03 pm Technology

भोपाल। म प्र मे शिक्षा विभाग के आला अधिकारी वर्ग पिछले 4 साल से प्रयासरत हैं ,कि पदोन्नति के एवज मे मिलने क्रमोन्नति किस तरह से दी जाये।

कोई रास्ता आज तक नही निकाल पाये । या यह समझा जाये की प्रदेश के 1 लाख 65 हजार शिक्षकों की क्रमोन्नति के प्रकरणों को लम्बित रखकर सरकार की छवि धुमिल करने पर तुले हुए हें और सरकार के प्रतिनिधियों से ग्यापनों के माध्यम से सैकड़ों बार अवगत करवाने के पश्चात भी आजतक कोई उचित समाधान नहीं निकल पाया हैं।

कही न कहीं सरकारी अफसर ही सरकार को साथ मे रहकर विपक्ष के रोल मे भेजने की तैयारी मे लग रहैं हैं। आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव विनोद राठोर ने बताया हैं,कि प्रदेश मे प्रमोशन के अभाव मे 1लाख 65 हजार अध्यापक क्रमोन्नति की प्रतीक्षा मे हैं। पिछले 4 वर्ष से पदाधिकारियो द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही होने के कारण कर्मचारियों मे आक्रोश व्याप्त हैं।

पहले ही प्रदेश के समस्त विभागों के कर्मचारी वर्ग पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर म प्र शासन की चुप्पी के कारण नाराज हैं। क्योंकि राजस्थान, छत्तीसगढ पंजाब, झारखंड व देश के छोटे छोटे राज्यों द्वारा अपने कर्मियो पुरानी पेंशन बहाल की गई हैं, लेकिन म प्र राज्य डबल इंजन होने के बाद भी कर्मचारियों के हितो के मामलो पर गति नही पकड़ पा रहा हैं।

इन मुद्दों पर प्रदेश का कर्मचारी वर्ग चिंतित हैं ।आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष समरथगिर गोस्वामी द्वारा मुख्यमंत्री व शासन के जिम्मेदारो से यह मांग की गई हैं कि प्रदेश मे लम्बित क्रमोन्नति का निराकरण त्वरित रुप से किया जावे व म प्र मे भी पुरानी पेंशन लागु की जावे। तथा कर्मचारी हित के मुद्दों पर सरकार को सकारात्मक रहते हुवे त्वरित निर्णय लेना चाहिये।

क्योंकि कर्मचारी वर्ग अपनी जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी के साथ निभाते हुवे म प्र के विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

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