घर चलो जागरूक करो अभियान चलाएगी बंगला बगीचा संघर्ष समिति, निदान नहीं तब तक संघर्ष रहेगा जारी -अमित शर्मा

NEEMUCH HEADLINES June 3, 2022, 2:19 pm Technology

नीमच। नीमच शहर की सबसे पुरानी समस्या बंगला बगीचा समस्या को लेकर बंगला बगीचा संघर्ष समिति के बैनर तले बंगला बगीचा वासियों द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है ।

इस आंदोलन के तहत बंगला बगीचा वासियों ने पहले सीएमओ नगरपालिका का घेराव किया, जिला कलेक्टर से चर्चा की, प्रभारी मंत्री से भी मुलाकात की, शहर के बीचों-बीच फोर जीरो पर धरना प्रदर्शन कर मार्च भी निकाला परन्तु इसका असर हमारे दगाबाज जनप्रतिनिधियों पर नहीं हुआ।

इसी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए बंगला बगीचा संघर्ष समिति के सदस्य एडवोकेट अमित शर्मा ने यह जानकारी प्रदान की कि बंगला बगीचा संघर्ष समिति अब हर बंगले, बगीचे एवं खेत में जाकर जहां आम रहवासी रहते हैं उन्हें इस काले कानून की सच्चाई बताएंगे एवं उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे।

बंगला बगीचा संघर्ष समिति द्वारा लगातार समाधान नहीं तो वोट नहीं स्लोगन के साथ इस अभियान को चलाया जा रहा है। वर्तमान में आचार संहिता लागू हो चुकी है आचार संहिता का पालन करते हुए बंगला बगीचा संघर्ष समिति के सदस्य अब घर घर पहुंच बंगला बगीचा वासियों को जागरूक कर इस काले कानून के विरोध में घर घर से आवाज उठाने की मांग करते हुए नगरीय निकाय चुनाव में सभी पार्टियों के प्रत्याशियों का जबरदस्त विरोध करने की मांग करेंगे । बंगला बगीचा व्यवस्थापन नियम में बदलाव की माँग को लेकर बंगला बगीचा संघर्ष समिति द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है । जिसमे मुख्य मांगे हैं कि जो कानून बनाया गया है उसमे जो खामियां है उसका नतीजा आम जनता भारी भरकम पेनल्टी के रूप में क्यों भुगते और पेनल्टी समाप्त की जावे।

सुप्रीम कोर्ट तक अनरजिस्टर्ड वसीयत नामा, हिबानामा एवं पारिवारिक बंटवारे को मानता है ऐसे में वसीयतनामा, पारिवारिक बंटवारे एवं हिबबेनामा के आधार पर व्यवस्थापन नहीं किया जा रहा है वह किया जावे ।

वही बंगला बगीचा क्षेत्र में वर्ष 2010 से रजिस्ट्रीयो पर बैन लगा हुआ है बावजूद इसके गाइड लाइन में और लगातार वृद्धि की जा रही है ऐसे में अनरजिस्टर्ड अनुबंधों को भी मान्यता दी जानी चाहिए। व्यवस्थापन के दौरान लिया जाने वाला भारी भरकम लीज रेंट एवं प्रीमियम कम कर उसे न्यूनतम किया जाना चाहिए । 26 मई 2017 को व्यवस्थापन नियम लागू हुआ था एवं बंगला बगीचा क्षेत्र में लगभग 20 हजार भूखण्ड एवं भवन हैं जिसमे से लगभग 2 हजार भूखण्ड एवं भवनों का ही व्यवस्थापन किया गया है।

कानूनी एवं व्यवहारिक खामियों के चलते कई लोग व्यवस्थापन के लिए आवेदन तक नहीं लगा रहे हैं। जिससे साफ तौर पर यह स्पष्ट है कि बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता इस काले कानून को मानने को तैयार नहीं है और इस क्षेत्र की जनता अब आने वाले नगरीय निकाय चुनावों में वोट मांगने के लिए आने वाले जनप्रतिनिधियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराने को तैयार है।

जनता को जागरूक करने एवं झूंठे जनप्रतिनिधियों को वोट नहीं देने हेतु बंगला, बगीचा एवं खेत क्षेत्र में घर घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

Related Post