पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन नवरात्रि दुर्गा नवमी या महानवमी होती है.
इस बार महानवमी 10 अप्रैल, रविवार यानी आज की पड़ रही है. नवरात्रि की नवमी तिथि को मां दुर्गा के 9 वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. ऐसा माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से भक्तों को सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में उल्लेख है कि नवरात्रि के अन्य दिनों के बराबर पुण्य लाभ केवल महानवमी के दिन व्रत रखने से मिलता है।
इस दिन मां सिद्धीदात्री की पूजा के साथ उनकी आरती और मंत्र जाप भी किया जाए, तो बही पूजा पूर्ण और सफल मानी जाती है. साथ ही, ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन आरती और मंत्र जाप करने से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं।
मां सिद्धिदात्री की आरती :-
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम हाथ,
सेवक, केसर, धरती हो तुम, तेरी पूजा में न कोई विधि है तू जगदंबे दाती,
तू सर्वसिद्धि है रविवार को तेरा सुमरिन करे जो तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तू सब काज उसके कराती हो पूरे कभी काम उस के रहे न अधूरे तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया रखे जिसके सर पैर मैया अपनी छाया, सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली,
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा, महानंदा मंदिर में है वास तेरा, मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता वंदना है सवाली तू जिसकी दाता...
मां सिद्धिदात्री का मंत्र :-
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम: