नीमच। राज्य शासन ने कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर मृतक के वारिसान को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने का निर्णय लिया है केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री मनीष रस्तोगी ने बताया, कि अनुग्रह राशि दिए जाने के संबंध में पात्रता के साथ नियम भी बनाए गए हैं। अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप परिशिष्ट 3 में प्रस्तुत करना होगा। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अनुग्रह राशि स्वीकृत की जाएगी।
आवेदन का निराकरण 30 दिवस की अवधि में किया जाएगा।प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगे, कि दावे के सत्यापन, स्वीकृति एवं अनुग्रह सहायता के भुगतान की सम्पूर्ण प्रक्रिया सुदृढ़, जन-सुलभ एवं सरल हो।अनुग्रह राशि का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में किया जाएगा।अनुग्रह राशि के लिये राज्य शासन द्वारा कोविड-19 से मृत्यु की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है।ऐसे मृत्यु के प्रकरण, जो निर्धारित मृत्यु परिभाषा की पूर्ति नहीं करते हैं, उनका निराकरण जिलास्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु के लिये दी जाने वाली अनुग्रह राशि के लिये नियत तिथि की गणना देश में कोरोना के पहले प्रकरण के प्रकाश में आने की तिथि से होगी।संक्रमण महामारी की अधिसूचना रद्द करने अथवा अनुग्रह राशि के संबंध में आगामी आदेश, जो भी पहले हो तक, प्रचलित रहेगी।प्रकरण में मृतक के पति, पत्नी प्रथम हकदार होंगे। पति, पत्नी न होने की स्थिति में अविवाहित विधिक संतान एवं संतान न होने की स्थिति में मृतक के माता-पिता अनुग्रह राशि के हकदार होंगे। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु यदि ज़हर से, दुर्घटना से, आत्महत्या या मानव हत्या को कोविड-19 से मृत्यु नहीं माना जायेगा।
ऐसे व्यक्तियों, शासकीय कर्मियों के वारिसानों को, जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना, मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना या मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का लाभ दिया गया हो, अथवा इन योजनाओं से लाभान्वित होने की पात्रता रखते हों, अनुग्रह राशि के पात्र नहीं होंगे।साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में लागू बीमा योजना में शामिल शासकीय कर्मी अनुग्रह राशि के लिये पात्र नहीं होंगे।
कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया, कि कोविड-19 से मृत्यु के प्रकरणों में पीड़ित परिवार के सदस्य निर्धारित प्रारूप में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार अथवा एसडीएम को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।