तपस्या बिना आत्मा का कल्याण संभव नहीं -साध्वी गुणरंजना जी म.सा.

Neemuch headlines July 25, 2021, 8:34 pm Technology

121 भक्तों ने गौतम स्वामी के एकाशने की तपस्या की

नीमच। तपस्या करने से आत्म कल्याण होता है कारीगर के हाथों से पत्थर, कुमार के हाथों से मिट्टी, अध्यापक के हाथों से छात्र ,संत के हाथों से श्रावक का ,भाग्य परिवर्तन हो जाता है ।हम जहां भी जाएं वहां से अच्छा सकारात्मक सोच के साथ अच्छा ज्ञान अवश्य पाए। मनुष्य जीवन में सभी सुख सुविधा प्राप्त हो वह सभी इच्छाएं पूर्ण हो यह अच्छा लगता है लेकिन मनुष्य धर्म साधना तब तक भक्ति भाव से नहीं करता यदि मन लगाकर धर्म साधना तपस्या करें उस आत्मा का कल्याण होने से कोई रोक नहीं सकता है। तपस्या बिना आत्मा का कल्याण संभव नहीं है। यह पवित्र उद्गार साध्वी गुणरंजना श्री जी मसा ने व्यक्त किए। वे शक्ति नगर स्थित शंखेश्वर पाश्र्व पदमावती धाम में रविवार सुबह आयोजित चातुर्मास कार्यक्रम की श्रंखला में गौतम स्वामी के एकासना के उपलक्ष में आयोजित धर्मसभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हम सभी मन में तपस्या के प्रति अच्छे भाव रखें जीवन में कोई कमी नहीं होगी ।हमारे द्वारा किए गए कार्यों का फल हमें अवश्य मिलता है। हमेशा अच्छे कार्य करें तो अच्छा पुण्य मिले फल मिलेगा ।उसी में सुख की अनुभूति करना चाहिए ।हम आईना नहीं है जो कमियां गिनाएंगे हम दोस्त हैं जो हम कमी को खुशी के साथ निभाए आत्मा का मेजर ऑपरेशन के लिए तपस्या सशक्त माध्यम है। शेष रोगों का निवारण तो मनुष्य को स्वयं ही करने पड़ते है। मनुष्य हर पल होश में रहे ताकि स्वयं का सर्जन खुद कर सके। मस्तक का गहना वंदना करना कान का गहना धर्म प्रभावना मुंह का गहना जिनवाणी श्रवण करना मुंह का कहना जिन धर्म जिनवाणी श्रवण करना आंख का गहना लज्जा गले का गहना मधुर वाणी बोलना पेट का गहना बात पहचाना दिल का गहना गंभीर रहना हाथों का गहना दान देना पैर का गहना नित्य धर्म स्थान पर चल कर जाना शरीर का गहना शील का पालन करना इन सब को जीवन में आत्मसात कर मानव को सदैव होश में रहना चाहिए डॉक्टर वकील से मनुष्य कभी फीस नहीं पूछता है लेकिन संत कहे तो राशि पूछता है सकारात्मकता आए बिना धर्म नहीं आ सकता है सम्यक दर्शन चरित्र आएगा तो नकारात्मक विचार कभी नहीं आएंगे जीवन में कभी जूता नहीं छोड़ना चाहिए प्रवचन धर्म सभा के बाद धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ गौतम स्वामी की स्थापना अभिषेक पूजा श्रीफल नैवेद्य चढ़ाकर दीपक प्रज्वलित कर किया गया साथ ही 121 श्रद्धालु भक्तों द्वारा एकाशने के सामूहिक धारणा एवं सामूहिक जाप किए गए। सभी श्रद्धालुओं ने शाम को 5:00 बजे माला के जाप का संकल्प लिया 11:30 बजे सभी श्रद्धालुओं ने एकासने का व्रत सामूहिक रूप से खोला ।सभी ने शाम 6:45 बजे बाद नवकार गिन कर पानी भी नहीं सेवन करने का सामूहिक संकल्प लिया ।चातुर्मास में विभिन्न अनुष्ठानों में उल्लेखनीय सेवा कार्य के लिए धर्म लाभार्थी परिवार के सदस्यों का शाल श्रीफल चुनरी से सम्मान किया गया सभी ने साध्वी गुणरंजना श्री जी के श्री मुख से मांगलिक श्रवण कर आशीर्वाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में सभी को धर्म प्रभावना का वितरण किया गया ।विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए जिसमें सभी ने उत्साह के साथ भाग लिया एकासने के धर्म लाभार्थी स्वर्गीय आनंदी लाल जी पुत्रवधू स्वर्गीय विजय लक्ष्मी जी की स्मृति में जिनेंद्र कुमार मनीष वर्णिता दक्ष सीया पामेचा परिवार नीमच नारायणगढ़ वाले थे। एकासना सामूहिक नित्य प्रवचन 9से 10 तक प्रतिदिन रहेंगे ।इस अवसर पर प्रीतम खिमेसरा रोशनलाल जारोली सुनील गोपावत नितिन सकलेचा महावीर कंकरेचा सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे ।

कुछ सीखे प्रकृति से फूलों से महक ना भंवरों से गाना वृक्षों से झुकना सूरत से चमकना हवा से आगे बढ़ना दोहे से ऊपर उठना दीप से उजाला करना धरती से सहना आकाश से मिलनसार बन्ना पर्वत से अटल संकल्प ई वन्ना सुई धागे से बिछड़ने मिलना ना नदी से बहते जाना सागर से गंभीर बन्ना चंद्रमा से सोम में बन्ना सीखना चाहिए यदि किसी में नया सीखने की ललक हो तो वह हर चीज से कुछ ना कुछ प्राप्त कर सकता है बशर्ते अपनी दृष्टि को बदलें मन की प्रसन्नता में ही जीवन का हर राज छुपा है थोड़ी सुविधा भी सुकून दे देती है और मनहर था मन अशांत हो तो अकूत धन संपदा भी दुख बना देती है सकारात्मकता हीरे की वह कमी है जो शीशे के अपेक्षित भाग को हटाकर शेष भाग को उपयोगी बना देती है इसलिए प्रकृति से सीखे कि हमें सकारात्मक भाव रखें नकारात्मकता ऐसा तोड़ा है जो शांति के शीशे को तोड़ और डालता है जिंदगी अगर फाइन है तो समझ लो उसमें जरूर ईश्वर के पास साइन है । साध्वी मसा ने मेरे गुरु गौतम सामना दूजा ना कोई मेरे गुरु गौतम बिना अंगना सुना प्रभु वीर के चरणों में जीवन सारा... मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान ....गीत प्रस्तुत किया।

इनका किया सम्मान:-

बहु मंडल बुढा की अंजना जैन रुचिता जैन मधु जैन ममता जैन कविता जैन चंदनबाला जैन नूतन जैन बूढ़ा श्री संघ के अशोक जैन का मोती माला श्रीफल से सम्मानित किया गया। आरती मांगलिक श्रवण के बाद प्रभावना आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें सभी समाज जनों ने उत्साह के साथ बढ़ चढ़कर भाग लिया आरती के बाद प्रभावना वितरण की गई।

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