नीमच। जिले की अग्रणी साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था कृति द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण एवं बचाव के उद्देश्य से दिनांक 30 दिसंबर 2025, मंगलवार को दोपहर 4:00 बजे, 40 भारत माता चौराहा पर एक शांतिपूर्ण जन प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष डॉ अक्षय राजपुरोहित, सचिव कमलेश कुमार जायसवाल एवं प्रचार सचिव कृष्ण शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखला केवल भौगोलिक संरचना नहीं, बल्कि क्षेत्र की जलवायु संतुलन, भूजल संरक्षण, जैव–विविधता और आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की जीवनरेखा है।
लगातार हो रहे खनन, कटाव एवं मानवीय हस्तक्षेप इस प्राचीन पर्वत श्रृंखला के अस्तित्व के लिए गंभीर संकट बनते जा रहे हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पर्वत श्रृंखला की नई कानूनी परिभाषा को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है। नवंबर 2025 में प्रस्तुत नई परिभाषा के अनुसार 100 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों को ही “अरावली” माना जाएगा।पर्यावरणविदों, नागरिक संगठनों और छात्रों का कहना है कि इससे नीची पहाड़ियाँ, वन क्षेत्र और जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण से बाहर हो सकते हैं।यह निर्णय अरावली के पारिस्थितिक तंत्र को कमजोर करेगा।अरावली से छेड़छाड़ का सीधा असर जल-स्रोतों, जैव-विविधता, हवा की गुणवत्ता और जलवायु संतुलन पर पड़ेगा। अरावली की रक्षा केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय पारिस्थितिकी, हवा-जल गुणवत्ता और जलवायु संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कुछ रिपोर्टें बताती हैं कि लगभग 10,000 सक्रिय खदानों के कारण पहाड़ क्षेत्र में गंभीर क्षति हो रही है कृति के इस प्रदर्शन का उद्देश्य जन सामान्य को अरावली संरक्षण के प्रति जागरूक करना तथा प्रकृति संरक्षण हेतु सामूहिक चेतना और जनभागीदारी को सशक्त बनाना है। कृति संस्था ने सभी सदस्यों, पर्यावरण प्रेमियों, सामाजिक संगठनों एवं जागरूक नागरिकों से इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर प्रकृति के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया है।