राजस्थान में कांग्रेस अगले सप्ताह गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है। इसके अलावा राज्य में राजनीतिक नियुक्तियां भी की जाएंगी। इसका मकसद सचिन पायलट व अशोक गहलोत के बीच खींचतान व दोनों गुटों के बीच असंतोष को दूर करना है।
सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह 10.30 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पार्टी के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन शनिवार रात राजस्थान पहुंच रहे हैं। वे कैबिनेट विस्तार, पार्टी के जिला प्रमुखों और अन्य राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सीएम अशोक गहलोत के साथ मंथन करेंगे। उन्होंने कहा, 'दोनों नेता रात को जयपुर सड़क के रास्ते पहुंचेंगे।' वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा के सांसद भी हैं।
गहलोत के साथ बैठक करेंगे वेणुगोपाल व माकन:-
वेणुगोपाल व माकन की सीएम अशोक गहलोत के साथ उनके आवास पर देर रात बैठक होगी। इसमें मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही जिलों में पार्टी प्रमुखों की नियुक्तियों व अन्य राजनीतिक नियुक्तियों पर भी विचार विमर्श होगा।
पंजाब के बाद राजस्थान में सुलह पर जोर:-
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह कराने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने अपना ध्यान राजस्थान पर केंद्रित कर दिया है। राजस्थान में पिछले साल से पार्टी में गुटबाजी जारी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की अगुआई में 18 विधायकों ने गत वर्ष बगावत कर दी थी। हालांकि, पार्टी उन्हें मनाने में कामयाब हो गई थी। इसके बाद से पायलट गुट सत्ता में भागीदारी की मांग कर रहा है।
पायलट ने दिया था संकेत:-
कुछ दिनों पूर्व सचिन पायलट ने संकेत दिया था कि कांग्रेस जल्द ही राजस्थान को लेकर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उपयुक्त कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि वह इस मामले में पार्टी हाईकमान के संपर्क में हैं। पायलट को पिछले साल राज्य के उपमुख्यमंत्री पद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। यह कदम उनके द्वारा गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत व करीब एक माह चले सियासी गतिरोध के बाद उठाया गया था।
मंत्रियों के नौ पद खाली:-
गत माह पायलट खेमे के विधायकों ने मांग की थी कि सचिन पायलट से किए गए वादों को जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों की मांग होने लगी थी। वर्तमान में गहलोत मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 21 मंत्री हैं और नौ पद खाली हैं।
राजस्थान में अधिकतम 30 मंत्री बन सकते हैं। देखना होगा कि पार्टी सचिन पायलट व उनके समर्थक विधायकों को किस तरह से पद बांटकर खुश करती है।