मनासा। मनीष पाण्डेय्, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा आरोपी समरथ पिता तुलसीराम गायरी, उम्र-36, निवासी-ग्राम पिपलोन, तहसील मनासा, जिला नीमच को शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने के आरोप का दोषी पाकर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 353 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 300 रू. जुर्माने से दण्डित किया। योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना दिनांक 29.06.2013 को सुबह के लगभग 9 बजे आरोपी के ग्राम पिपलोन स्थित खेत की हैं। न्यायालय मनासा में पदस्थ आदेशिका वाहक फरियादी चंद्रभानसिंह तंवर एक सिविल प्रकरण में गिरफ्तारी वारण्ट निर्वाह हेतु डिक्रिदार गुलाम रब्बानी व आरक्षक योगेन्द्र सिंह के साथ आरोपी समरथ के खेत पर गया, जहाँ उसे आरोपी के मिलने पर उसे वारण्ट पढकर सुनाया तो आरोपी वारण्ट की तामिल करने से मना कर दिया, फिर आरक्षक योगेन्द्र सिंह ने वारण्टी को पकड़ा तो आरोपी ने आरक्षक के साथ धक्का-मुक्की कर मारपीट करने का प्रयास करते हुए जोर-जोर से चिल्लाने लगा, जिस कारण ग्राम नजदीक होने से ग्रामीण लाठी लेकर इक्ठ्ठे होने लगे, जिससे कारण महौल खराब हो जाने से सभी द्वारा आरोपी को छोड़कर वापस आ गये। घटना की जानकारी फरियादी द्वारा माननीय न्यायालय को दी गई, जिसके पश्चात् आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना मनासा में अपराध क्रमांक 264/13, धारा 353 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध कर, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व डिक्रिदार सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 353 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 300 रूपये जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा की गई।