नीमच। मानव जीवन में विषयों पर आसक्त नहीं होना चाहिए । तभी आत्मा का कल्याण होता है अनुकूलता के प्रति राग और प्रतिकुलता के प्रति द्वेष नहीं होना चाहिए। तटस्थ रहना ही शांति का मार्ग है। यह बात साध्वी कनक प्रभा श्री जी मा.सा. ने कहीं। वे अंहिसा यात्रा के अर्तगत तैरापथ सभा नीमच के तत्वावधान में सोमवार को सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी उन्होंने कहा की अनहोनी कभी नहीं होती है होनी होके रहती है। इस लिये धैर्य पूर्वक हर परिस्थिति में सहज रहना सिखना चाहिए। तभी आत्मा पवित्र हो सकती है। साध्वी कमनीय प्रभा जी मा.सा. बालोरा गायक मण्डली सुश्री गीत एवं पलक धमेन्द्र बिकानेरिया ने विभिन्न गीत प्रस्तुत किए। धर्म सभा में अध्यक्ष ओमप्रकाश भानसाली, राजेश गौखरु तेरापंथ महासभा के राष्ट्रीय अध्क्ष सुरेश गोयल बालोतरा के मीठा लाल चौपड़ा मोहन लाल बाफना, पवन मथौड़, राजेश बाफना, प्रकाश वेदमुथा, मनोज ओसवाल आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे । इस अवसर पर सुरेश गोयल का जैन दुपटटा पहनाकर सम्मान किया गया।