नीमच। शौर्य और बलिदान के प्रतीक महाराणा प्रताप की जयंती पर 13 जून रविवार को कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर महाराणा प्रताप चौराहे पर श्री राजपूत करणीसेना मूल जिलाध्यक्ष शक्ति सिंह राठौड़ के नेतृत्व में श्री महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवम पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा से याद किया - नमन किया और उनके आदर्शों पर चलने का प्रण लिया। रविवार को कोरोना कर्फ्यू होने के चलते चुनिंदा लोगो ने कोरोना के बनाए नियमों का पालन करते हुए माल्यार्पण किया। महाराणा प्रताप स्वाभिमान के प्रतीक हैैं। त्याग, बलिदान और देशभक्ति कि मिसाल महाराणा प्रताप ने राजमहल को त्याग जंगल-जंगल घूमकर घास की रोटी खाना स्वीकार किया, लेकिन कभी भी मुगल बादशाह अकबर की गुलामी नहीं की। मातृभूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप ने अपना प्राण न्योछावर किया। वे अपने युद्ध कौशल, राजनीतिज्ञ, धर्म एवं देश की स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान सेनानी थे। आज के युवाओं को इनकी जीवनी से प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस अवसर पर सभी करणी सैनिक व पदाधिकारी उपस्थित थे नीमच जिलाध्यक्ष शक्ति सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री पुष्पराज सिंह शक्तावत, संभाग महामंत्री गजेंद्र सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह चुंडावत, नीमच जिला मीडिया प्रभारी विक्रम सिंह सोनगरा, तहसील अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोनगरा, तहसील उपाध्यक्ष जावद कमल सिंह राठौड़, नीमच नगर अध्यक्ष अर्थराज सिंह सिसोदिया नगर महामंत्री ब्रजराज सिंह सहित समस्त करणी सैनिक उपस्थित थे।