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भगवान गणेश के यज्ञ अभिषेक के साथ की कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना

केबीसी न्यूज May 12, 2021, 7:50 pm Technology

नीमच। विश्वव्यापी कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए राज्यशासन की कोविड-19 गाईडलाईन का पालन करते हुए सामाजिक दूरियां बनाकर, मुंह पर मास्क लगाकर कोरोना से बचाव हेतु चैकन्ना बालाजी के पास पायलेट बाबा आश्रम स्थित श्री पंचमुखी सिद्ध गणेश मंदिर में बुधवार को सुबह 10.15 बजे मंत्र जाप, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणेष प्रतिमा का दूर्वा अमृत रसधारा से अभिषेक में चैकन्ना बालाजी महन्त योगीराज रंजन स्वामी एवं जिला ज्योतिष कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष भागवताचार्य पं.दशरथ शास्त्री द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शंखनाद गणपति पूजन एवं गणेष आराधना से किया गया। कार्यक्रम प्रातः 10.15 से 1.30 बजे तक सवा तीन घन्टे निरंतर चला। इस दौरान दर्शन एवं उपस्थिति का मंगल है। श्रद्धालुओं की उपस्थिति पर प्रतिबंध आगामी 5 दिनों तक निरंतर जारी रहेगा।

कार्यक्रम में विद्वान यज्ञ आचार्य द्वारा बताया कि कोरोना जैसी महामारी प्रत्येक 100 वर्षों में आती है। इसके पहले प्राचीन काल में ऋषि मुनि द्वारा भी इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किये जाते थे। वे जनकल्याणकारी सार्थक सिद्ध भी होते थे। व्यक्ति या परिवारजन देश का कोई भी व्यक्ति या परिवारजन अपने घर पूजा कक्ष में यदि सभी लोग अपने अपने घरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ आहूतियां देकर गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ का वाचन एवं संकटनाषक गणेश स्त्रोत के मंत्र जाप करें तो कोरोना जैसी घातक महामारी भी समाप्त हो सकती है। यज्ञ के बाद से ही निरंतर रोगियों एवं मृतकों की संख्या में निरंतर कमी हो रही है जो इस धार्मिक अनुष्ठान के सार्थक सिद्ध होने का शुभ संकेत है। यदि हम सभी श्रद्धालु घर घर में सनातन संस्कृति का प्रतीक यज्ञ, गौसेवा, सूर्य को जल द्वारा अध्र्य, देव पूजन, धार्मिक ग्रंथों का स्वाध्याय जैसे पुण्य कार्य निरंतर करें तो कोरोना महामारी तो समाप्त होगी ही बल्कि सभी घरों में सुख समृद्धि शांति का वास भी स्थापित होगा। सभी लोग यदि गाय के गोबर, शुद्ध घी एवं गुग्गल आदि औषधियुक्त जडी बुटियों का हवन में प्रयोग करें तो भी वातावरण शुद्ध होगा और पवित्र वातावरण से घातक से घातक वायरस भी नष्ट हो सकता है। सभी लोग जनकल्याण की कामना से फलाहारी व्रत उपवास भी करें तो भी शुभ है। धर्मो

रक्षति रक्षितः -

यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा।

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