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जाट मे प्राइवेट चिकीत्सको ने ग्रामीणों के उपचार से किया किनारा, सभी ने अपने क्लीनिक पर लगाये ताले

निर्मल मूंदड़ा May 5, 2021, 8:11 pm Technology

रतनगढ़। कोरोना काल के चलते सबसे ज़्यादा इस वक्त अगर आमजन को जरुरत है तो वह है चिकित्सक, जिन्हे हम इस धरती पर आज के समय में भगवान का दूसरा रूप भी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। जहां वैश्विक महामारी कोरोना काल में नीमच जिले में सभी शासकीय अस्पतालों के चिकित्सक एवं पूरा स्टाफ दिन रात अपने घर परिवार की चिंता ना करते हुए मरीजों की सेवा में लगा हुआ है। ऐसे समय प्राइवेट क्लिनिक पर बैठने वाले जिन्हें लोग झोलाछाप डॉक्टर कहते हैं वे भी आज मरीजों के ईलाज मे अपनी तरफ से कोई कौर कसर बाकी नही रख रहे है ऐसे समय मे कुछ ऐसे लोग भी चिकित्सा विभाग मे मौजूद है। जिन्होंने आम दिनों में तो अपने क्लीनिक पर ईलाज के दौरान जमकर ग्रामीणों से कमाई की एवं अब जब ग्रामीणों को सही मायने में इनकी आवश्यकता पड़ी है तो इन्होंने अपने क्लीनिक पर ताला लगा कर मोबाइल के स्विच भी ऑफ कर लिए है।पिछले कई दिनो से ग्राम जाट मे सभी प्राइवेट डाक्टरों ने अपने अपने क्लीनिक बंद किये हुए है। जिसके कारण सामान्य बीमारी वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जाट के आसपास के 32 गांवो के लोगो का उपचार करते थे मगर अब ऐसे मे जब स्थिति गम्भीर है कोरोना काल है तब ये डॉक्टर पूरी तरह से गांव से गायब हो गए है। ग्रामीणों के अनुसार इन डॉक्टरों ने प्रशासनिक आदेश एवं कार्यवाही के डर के चलते ये लोगों का ईलाज करने मे कतरा रहे है जबकि असल में क्लीनिक बंद करने का ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश नहीं है यह केवल कोरोना के डर से ग्रामीणों का इलाज नहीं कर रहे है। अब जाट सहित आसपास के सामान्य बीमारियों के मरीज खासे परेशान हो रहे है उनको ईलाज नही मिल रहा है !दूसरी और सरकारी अस्पताल मे उचित व्यवस्था नही होने एवं वहां जाने पर कोरोना सेम्पलिंग के डर से भी नहीं जा रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्राइवेट क्लीनिक के भरोसे आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के मरीज ईलाज के लिए जाट आ रहे है क्लीनिक पर ताला लगा होने पर परेशान हो रहे हैं ईलाज कहा करवाए ये सबसे बड़ी समस्या जाट मे उत्पन्न हो गई है।मानवियता को देखते हुए इन डाक्टरो को अपने क्लिनिक खोल कर सामान्य बीमारियों वाले मरीजों का उपचार करना चाहिये। अन्यथा प्रशासन द्वारा इनके ऊपर सख्त कार्यवाही करते हुए इन्हें हमेशा के लिए सील कर दिया जाना चाहिए। इनका कहना :- शासन के द्वारा किसी भी प्राइवेट क्लीनिक के संचालक को क्लिनिक बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सुचारू रूप से इलाज कर सकते हैं उल्लंघन करने पर चाहे शासकीय हो या प्राइवेट निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी। -डॉ.राजेश मीणा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डिकैन

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