रोग, व्याधी, महामारी के समय महामृत्युंजय मंत्र की बड़ी महिमा है महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शंकर भगवान जी सारे कष्ट दूर करते है।
1.:- महादेव देवों के देव के नाम से जाने जाते हैं। महादेव के बारे में यह कहा जाता है कि वह भक्तों की पुकार जल्द सुनकर उनके दुख दर्द दूर करते हैं। भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। जटाधारी शिव शंकर जी को प्रसन्न करने में किसी भी मनुष्य को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि महादेव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और इसके सामने यमराज को भी हार माननी पड़ती है।
2.:- शिवजी के महामृत्युंजय मंत्र को महामंत्र कहा जाता है। इसमें भगवान शिव के महामृत्युंजय रूप से लंबी आयु की प्रार्थना की जाती है। यह मंत्र कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है। शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को खुश करने का महामंत्र है।
3.:- यह भगवान शंकर जी को प्रसन्न करने का अत्यंत सरल और अचूक मंत्र माना गया है। यह शिव मंत्र अमोघ एवं मोक्षदायी है तथा विषम काल में यदि भक्त पर कोई कठिन व्याधि या समस्या आन पड़े तब श्रद्धापूर्वक इस मंत्र का जप करना या कराना चाहिए। यह बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।
4:-संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र:- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।