नीमच! मन में ईच्छा शक्ति हो, तो सफलता दूर नही। कुछ ऐसा ही साकारात्मक विचार कर शादी के बाद जावद तहसील के ग्राम अठाना निवासी मीनाक्षी-कष्णकुमार धाकड ने भारत कृषि कौशल विकास द्वारा मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर, मधुमक्खी पालन हेतु 50 बक्से से अपना कार्य प्रारम्भ किया। श्रीमती धाकड ने कच्चा माल देने के साथ-साथ अपना ब्राण्ड ‘’दीर्घायुभव’’ तैयार कर स्थानीय बाजार और सोशल मीडिया के माध्यम से विक्रय कर उद्यान विभाग से सम्पर्क किया। अन्य किसान लाभचंद को भी 50 बक्से व अन्य सामग्री उपलब्ध करवाकर मधु मक्खी पालन से जोडा। श्रीमती धाकड का कहना है, कि वर्तमान में 370 बक्से है और 5 तरह का शहद प्राप्त हो रहा है। जिसमें प्रमुख अजवाईन एवं सरसों का है। इससे उसे लगभग 5 टन शहद प्राप्त होकर, हनी गुलकंद, हनी पान, गुलकंद, आंवला, कैंडी, ड्राईफ्रूट, कुकी, हनी जीरा,हनी एलोवरा सोप, रोजसोप के साथ साथ पाचक आवंला, हींग, आंवला ग्रीन-टी, कलौंजी व आंवला तेल, रेाज पेटल, हल्दी, धनियां पाचक चूर्ण, सोया रोस्टेट बीज फलेक्स भी निर्मित किया जा रहा है। उनके द्वारा 7 महिलाओं को भी रोजगार से जोडा गया है। श्रीमती धाकड का कहना है,कि अब उन्हे 6 से 7 लाख तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हो रहा है। इस कार्य में उनका परिवार भी पूरा सहयोग कर रहा है।