नीमच । नीमच जिले के विकासखण्ड नीमच के गांव चीताखेडा में स्व-सहायता समूह से जूडी महिलाऐ सामाजिक एंव आर्थिक रुप से सशक्त हो रही है। नीमच से 25 किमी की दूरी पर स्थित है, ग्राम चीताखेड़ा, जहां पर सभी समाज के परिवार निवास करते है। ग्राम में पहले स्वयं सहायता समूह नहीं थे। 2019 में सबसे पहले महिलाओं को समूह में संगठित किया। श्रीमती रीना पति श्री नारायण प्रजापत 10वीं तक शिक्षित है। श्रीमती रीना प्रजापत नेअक्टूबर 2019 को सांई नाथ आजीविका स्वसहायता समूह का गठन किया एवं समूह अध्यक्ष की भूमिका निभा रही है, आजीविका मिशन के माध्यम से श्रीमती रीना प्रजापत ने आरएफ 10000 रूपये, सीआईएफ 25000 रूपये एवं बैक लिंकेज 95 हजार रूपये का ऋण प्राप्त किया है। स्वयं का रोजगार किया स्थापित- समूह की श्रीमती रीना प्रजापत, प्राप्त ऋण राशि से गांव में राशन दुकान संचालन का कार्य कर रही है। इसके अलावा पशु पालन एवं कृषि गतिविधि भी वे कर रही है। इनसे उनकी व्यक्तिगत आय प्रतिदिन 700 रूपये, प्रतिमाह 21 हजार रूपये एवं प्रतिवर्ष 2.52 लाख रूपये हो गई है। इस समूह में उनकी देवरानी एवं सास भी जुड़ी हुई है, जो कृषि गतिविधि से लगभग रू 1.25 लाख रूपये प्रतिवर्ष कमा रहे है। समूह से जुड़ने से रीना व परिवारजन पहले गृह कार्य एवं मजदूरी करते थे। उनकी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। समूह से जुड़ने के बाद स्वरोजगार गतिविधियों से जुड़कर वर्तमान में उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। साथ ही सामाजिक छवि में सुधार हुआ है। अब वे लखपति दीदी बन गई है।समूह से जुड़ने के उन्होने बाद अपना पक्का मकान बनाया, कार एवं बाईक खरीदी, बच्चें अच्छे स्कूल में पढाई कर रहे है। ग्राम में कुछ महिलाऐ ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट तक पढी लिखी है, परन्तु वे कभी भी सामाजिक परम्पराओं के कारण घर से बाहर नहीं निकलती थी। श्रीमती रीना प्रजापत ने ग्राम में विभिन्न आजीविका गतिविधियॉं प्रांरभ कर, दूसरी महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया है। जिससे उनके परिवारजनों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे है। श्रीमती रीना प्रजापत के स्व सहायता समूह के सदस्यों ने रिवाल्विंग फण्ड से प्राप्त 10 हजार रूपये की राशि एवं स्वयं की बचत का खेती, पशुपालन, अन्य आय अर्जन गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़कर न केवल चीताखेड़ा की श्रीमती रीना प्रजापति, स्वयं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी है, गांव की दूसरी महिलाओं के लिए भी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बन गई है।