नीमच। विवेक कुमार, विशेष न्यायाधीश (एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985) नीमच के द्वारा 9 क्विंटल 69.5 किलोग्राम डोडाचूरा की तस्करी करने वाले चार आरोपीगण (1) शकील पिता रोशन पठान, उम्र-25 वर्ष, निवासी ग्राम-सनावदा, थाना-पिपलिया मंडी, जिला-मंदसौर, (2) महेश पिता हीरालाल तेली, उम्र-19 वर्ष, निवासी ग्राम-हतुनिया, थाना-अफजलपुर, जिला मंदसौर, (3) जुबेर पिता उमर पठान, उम्र-19 वर्ष, निवासी ग्राम-बेलारी, थाना-सीतामऊ, जिला मंदसौर व (4) फिरोज पिता मुश्ताक खां, उम्र-20 वर्ष, निवासी-ग्राम बाबुखेड़ा, थाना-पिपलिया मंडी, जिला मंदसौर को एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 8/15, 25 के अंतर्गत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000-1,00,000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया। मनीष जोशी, लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 18.05.2014 की है। घटना दिनांक को पुलिस थाना बघाना प्रभारी निरीक्षक एस.आर. पाटीदार को मुखबिर सूचना मिली कि 6-7 व्यक्ति हवाई पट्टी रोड़ रेलवे फाटक के पास मारूति वेन मे डोडाचूरा भरकर तस्करी हेतु ले जाने वाले हैं। मुखबिर सूचना के आधार पर वह मय फोर्स मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर पहुॅचकर घेराबंदी किये जाने पर देखा कि 6-7 व्यक्ति बोरो के ठेर के पास खड़े थे व मारूति वेन में दो व्यक्ति बोरे भर रहे थे, जो पुलिस को देखकर सभी भागने का प्रयास करने लगे, जिसमें से 2-3 व्यक्ति भागने में सफल रहे व शेष अन्य आरोपीगण को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से जप्त कट्टो मंे कुल 969.5 किलोग्राम अवैध डोडाूचरा को जप्त किया गया। प्रकरण में बाद में फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया एवं 01 बाल अपचारी एवं अन्य 02 आरोपी से उनके कब्जे से जप्त डोडाचूरा के संबंध में पृथक विचारण न्यायालय में विचाराधिन हैं। आरोपीगण के विरूद्ध पुलिस थाना बघाना में अपराध क्रंमाक 93/2014, अंतर्गत धारा 8/15, 29, 25 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत पंजीबद्व कर, शेष विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा न्यायालय में विवेचक, जप्ती अधिकारी, फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा अवैध रूप से डोडाचूरा की तस्करी किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपीगण को कठोर दंड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिस पर से न्यायालय द्वारा आरोपीगण को धारा 8/15, 25 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000-1,00,000 रू. जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर स पैरवी मनीष जोशी, लोक अभियोजक, नीमच द्वारा की गई।