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डिजिटल मीडिया पर कार्रवाई नहीं कर सकते कलेक्टर कमिश्नर, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने राज्य सचिवो को जारी किया निर्देश पत्र

Neemuch Headlines March 8, 2021, 8:02 pm Technology

राज्य सरकार डिजिटल मीडिया की आजादी पर अंकुश नही लगा सकती, केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को इस संदर्भ में स्पष्ट निर्देश जारी किया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने साफ कहा है कि डिजिटल मीडिया और ओवर द टॉप प्लेटफार्म के लिए जारी कोड ऑफ एथिक्स के तहत कार्रवाई का अधिकार राज्यों व स्थानीय प्रशासन का नहीं है।

नए कोड ऑफ एथिक्स के आधार पर मणिपुर में कलेक्टर ने एक न्यूज एप्लिकेशन को नोटिस जारी किया था । केन्द्र ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए नोटिस वापस लेने को कहा था । केन्द्र के निर्देश पर इंफाल के पश्चिमी जिला मजिस्ट्रेट ने नोटिस वापस लिया । इसके बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश भेजा है । इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत इंटरमीडियरी दिशा निर्देश जारी किए हैं । इसके तहत डिजिटल मीडिया और ओटीटी के लिए आचार संहिता तय की गई है । ओटीटी को अपने कार्यक्रमों में यह दर्शाना होगा कि कार्यक्रम किस उम्र वर्ग के लिए हैं। इसी तरह डिजिटल न्यूज पब्लिकेशंस का तीन स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाने को कहा गया है । पहले स्तर पर प्रशासक को स्वयं शिकायतों का निपटारा करना होगा । दूसरे स्तर पर स्वनियामक गठित करना होगा और तीसरे स्तर पर केंद्र सरकार का निगरानी तंत्र रहेगा । इस शिकायत निवारण तंत्र में समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जाएगा। इन दिशा निर्देशों के तहत प्रकाशकों को अपनी जानकारियां भी साझा करनी होगी। इसी संदर्भ में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने साफ किया है कि ये सभी नियम-कायदे उसके द्वारा अधिसूचित है और इस बारे में कोई भी अधिकार राज्य सरकारों, जिला कलेक्टरों, पुलिस कमिश्नरों या पुलिस अधीक्षको को नहीं दिया गया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र के नए दिशा निर्देशों को आधार बनाकर मणिपुर में इंफाल के एक न्यूज पोर्टल के संपादक को कानूनी नोटिस जारी कर तमाम सूचनाएं मांगी गई थी। मामला सामने आने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने मणिपुर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर साफ कर दिया था कि डिजिटल मीडिया और ओटीटी को लेकर किसी तरह की कार्रवाई का अधिकार राज्यों को नहीं दिया गया है । पत्र के बाद मणिपुर सरकार ने तत्काल नोटिस वापस लेने की घोषणा की है । केन्द्र सरकार के स्पष्टीकरण से सुनिश्चित होगा कि स्थानीय प्रशासन के स्तर पर इनका दुरूपयोग न हो ।

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