महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सैनानी चंद्रशेखर आजाद की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन चंद्रशेखर आजाद ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.
उनकी वीरता की गाथा देशवासियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है. 1920 में 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर आजाद गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़े थे, जिसके बाद वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए. जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया.
आजाद को 15 कोड़ों की सजा दी गई थी. चंद्रशेखर आजाद के विचारों ने युवाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए काफी प्रेरित किया था. उनके विचार आज भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं.
आइये जानते हैं चंद्रशेखर आजाद के विचारों के बारे में..
चंद्रशेखर आजाद के क्रांतिकारी विचार:-
1. 'दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे.'
2. 'मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है
3. 'यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है, तो उसका जीवन व्यर्थ है.'
4. 'अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए.
5. 'दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो. प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो, क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है.'
6. 'मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.'
7. 'चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं. इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं. मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है. कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है.'