हाईकोर्ट ने राजस्थान पुलिस की 5438 कांस्टेबल पदों की भर्ती के मामले में लिखित परीक्षा के जिलेवार परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक जारी रखी है। मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी। पुलिस मुख्यालय जनवरी माह में कांस्टेबल भर्ती का परिणाम जारी करने वाला था। 6, 7 व 8 नवंबर को हुई इस भर्ती परीक्षा में करीब 13 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा की फाइनल आंसर-की जारी कर दी गई थी। लेकिन कोर्ट में मामले निपटने के बाद ही नतीजे जारी होंगे।
बेंच ने यह निर्देश जहीर अहमद की याचिका पर दिया। याचिका में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की जिलेवार मेरिट जारी करने की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। याचिका में तर्क है कि जब सभी जिलों में एक भर्ती विज्ञापन से भर्तियां हो रही हैं तो प्रदेश स्तर पर भी एक ही परिणाम निकाल कर एक ही कटऑफ जारी करनी चाहिए। हर जिले में अलग-अलग नतीजे जारी करने से अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव होगा। याचिका में मांग की गई है कि पूरे राजस्थान की एक ही मेरिट लिस्ट जारी की जाए। इस पर हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगाने का फैसला सुनाया।
याचिकाकर्ता जहीर अहमद के वकील अजाज नबी ने बताया कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 के नियम संख्या 25 में प्रावधान है कि सूबे में पुलिस भर्ती में एक ही संयुक्त मेरिट बनेगी। डीजीपी राजस्थान ने इसका स्थायी आदेश भी जारी किया था। राजस्थान पुलिस भर्ती में संयुक्त मेरिट बनाने का प्रावधान था। लेकिन फिलहाल राजस्थान पुलिस मुख्यालय जिलेवार मेरिट बनाते हैं। नियमों से परे इसमें जिलेवार मेरिट का आधार सिर्फ प्रचलित माना गया है। उन्होने बताया कि साल 2013 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 49.50 प्रतिशत, सीकर जिले की 74 प्रतिशत और दौसा जिले की 71 प्रतिशत मेरिट के आधार पर चयन हुआ। यह भर्ती संविधान और राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों के खिलाफ थी।