मनासा। में भगवान का नाम ही आधार है अच्छे कार्यों को करते हुए भगवान नाम स्मरण करना एवं मन में दृढ़ संकल्प करना कि अब जीवन में कोई पाप नहीं करेंगे एवं श्रीमद् भागवत की कथा सुनना सभी पापों से मुक्ति का साधन है उक्त विचार व्यक्त करते हुए भागवताचार्य गोविंद उपाध्याय ने ग्राम फलासिया में चल रही कथा के आज प्रथम दिन बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से पांच प्रकार के महा पापी भी तर जाते हैं सुवर्ण की चोरी करने वाले विश्वासघाती ब्रह्महत्यारे पर स्त्री गामी और शराबी ये पांच प्रकार के महा पापी माने गए हैं यदि ऐसे महा पापी भी संकल्प करें कि अब अपने जीवन में इस प्रकार का कोई पाप नहीं करेंगे और वह श्रीमद् भागवत की कथा का श्रवण करें तो उससे उनकी भी पापों से मुक्ति संभव है कई योनियों के बाद में मनुष्य जीवन मिलता है अतः उसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए मनुष्य जीवन में आ करके जहां तक हो सके परमार्थ एवं अच्छा कार्य करना चाहिए आज श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस के अवसर पर कलश यात्रा के साथ भागवत कथा प्रारंभ हुई जंहा भक्तो ने ज्ञान की गंगा का रसपान किया।