नीमच। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदक आशिष बंग संपादक खबर आज तक द्वारा दिनांक 28/12/20 को जिला कलेक्टर एवं निर्वाचन अधिकारी, नीमच के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड़ 2 अजय कुमार शुक्ला के निर्वाचन पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति के संबंध में संपूर्ण नस्ती की नोटशीट सहित प्रमाणित प्रतिलिपि चाही गई थी, जो आवेदक को आज पर्यन्त तक उपलब्ध नही करवाई जा रही है। अजय शुक्ला के निर्वाचन पर्यवेक्षक पद पर अवैधानिक नियुक्ति के संबंध में जिला कलेक्टर नीमच को एक शिकायत आशिष बंग द्वारा मय दस्तावेज के की जाकर नियुक्ति निरस्त कर अजय शुक्ला के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ पुलिस प्रकरण दर्ज कराने की मांग की गई थी। उक्त नियुक्ति के संबंध में ही आशिष बंग द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत संपूर्ण नियुक्ति की फाईल नोटशीट के साथ प्रमाणित नकल के तौर पर मांगी गई थी। परंतु एक माह की अवधि दिनांक 26/01/2021 को व्यतीत होने के बाद भी उक्त जानकारी आवेदक को उपलब्ध नही करवाई जा रही है।
इसके उलट आवेदक को डराने धमकाने की नियत से दिनांक 29/01/2021 को जिला अपर कलेक्टर सुनील राज नायर द्वारा थाना प्रभारी जावद के माध्यम से पत्र जारी कर दिनांक 06/02/2021 को अपर कलेक्टर सुनील राज नायर के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों एवं अन्य संबंधित दस्तावेजों को लेकर उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए उपस्थित नही होने पर एकपक्षीय कार्यवाही करने का आदेश जारी किया गया है। उक्त कार्यवाही प्रथम दृष्टि में ही यह दर्शाति है कि अजय शुक्ला की नियुक्ति अवैधानिक तो है ही जिला प्रशासन भी उक्त नियुक्ति प्रक्रिया को उजागर होने से बचाने में लगा हुआ है। इसिलिये ना तो सूचना अधिकार अधिनियम में जानकारी प्रदाय की जा रही है और ना ही की गई िश्कायत पर कोई कार्यवाही की जा रही है। आशिष बंग द्वारा स्पष्ट रूप से जिला कलेक्टर को अजय शुक्ला की नियुक्ति की शिकायत के साथ जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 30/05/2020 को अजय शुक्ला को निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश की प्रति संलग्न कर शिकायत की गई है कि जिला कलेक्टर द्वारा कैसे निर्वाचन आयोग भोपाल के दो वर्ष पूर्व जारी आदेश क्रमांक/स्था./1998/4324 भोपाल दिनांक 19/04/2018 के अनुक्रम में अजय शुक्ला की नियुक्ति निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर दो वर्ष् बाद अपने आदेश दिनांक 30/05/2020 द्वारा कर दी गई है। जबकि वर्ष् 2018 मई माह में ही अधिवार्षिकी आयु संशोधन होने से पूर्व से नियुक्ति निर्वाचन पर्यवेक्षक की सेवा अवधि दो वर्ष बढ़ा दी गई थी। अधिवार्षिकी आयु संशोधन होने से निर्वाचन आयोग, भोपाल का दिनांक 19/04/2018 को जारी अजय शुक्ला को निर्वाचन पर्यवेक्षक नियुक्ति की अनुशंसा का आदेश अपने आप में निरस्त होकर शिथिल हो गया था। परंतु फिरभी जिला कलेक्टर द्वारा बिना किसी आधार पर नियमों को ताक पर रखते हुए दो वर्ष पूर्व के आदेश पर ही अजय शुक्ला को निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति कर देना हास्यपद होकर नियुक्ति में धांधली को उजागर करता है।
खबर आज तक के संपादक आशिष बंग द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा उक्त नियुक्ति प्रक्रिया की जब छानबीन की गई तो और भी कई चौकाने वाले तथ्य उनके सामने आये जैसे कि निर्वाचन पर्यवेक्षक की नियुक्ति के अधिकार कलेक्टर कार्यालय की स्थापना शाखा को है परंतु अजय शुक्ला की नियुक्ति भारत निर्वाचन कार्यालय द्वारा ही कर दी गई जबकि अजय शुक्ला से पूर्व नियुक्त निर्वाचन पर्यवेक्षक ओमप्रकाश बोरीवाल की नियुक्ति कलेक्टर कार्यालय की स्थापना शाखा से की गई थी। इसी प्रकार अजय शुक्ला का वर्ष 2018 की सहायक वर्ग 2 की सिनियरिटी क्रम में नाम 7 वें स्थान पर दर्ज है तो किस प्रकार जूनियर कर्मचारी की पदोन्नति निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर कर दी गई। उक्त नियुक्ति से कई वरिष्ठ कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ महसुस तो कर ही रहे है शासकीय नियमों का भी प्रशासान के सामने माखौल उड़ रहा है।
आशिष बंग, सपांदक खबर आजतक द्वारा कलेक्टर नीमच से मांग की गई है कि उनके द्वारा निर्वाचन पर्यवेक्षक पद पर नियुक्त किये गये कर्मचारी अजय शुक्ला की नियुक्ति तत्काल निरस्त कर नियुक्ति प्रक्रिया में की गई धांधली को उजागर कर अजय शुक्ला के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करें।