नीमच। लगातार तीन दिवसीय शीत का प्रकोप नीमच जिले में रबी फसलों पर भारी पड़ा है। चना ,धनिया, मसूर और सब्जी वर्णित फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
किसान नेता एवं ग्राम पंचायत सावन के पूर्व सरपंच मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बीते तीन दिवस में सर्द हवाओं के साथ ही पाला पड़ने के कारण फसलों में 50 से 60% नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पाला प्रकोप के कारण अफीम फसल मैं भी नुकसान हुआ है। पौधों के पत्तों पर दाने एवं उभारा गया है। इसका असर फसल की पैदावार पर भी पड़ेगा। फसल सुरक्षा के लिए अभी करीब ₹3000 का रासायनिक दवाइयों का डोज सिंचाई के साथ किसान दे रहे हैं, ताकि और अधिक नुकसान से बचा जा सके। किसान दुर्गेश मेघवाल ने बताया कि 28 ,29 व 30 जनवरी को चली शीतलहर के साथ ही फसलें चौपट हो गई है। किसान मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि पाला प्रकोप के कारण क़रीब 60 फ़ीसदी नुकसान जनाब फसलों में हुआ है। जो पौधे हरे थे रेपाले के प्रकोप के कारण सूख गए हैं। पौधों का बीज भी खराब हो गया है। इसी तरह का नुकसान बैंगन, टमाटर और अन्य सब्जी वर्णित फसलों में भी नुकसान हुआ है।
कृषक परसराम पंड्या, फकीर चंद पाटीदार, रामनिवास लोहार, जगदीश चंद्र सुथार ने बताया कि इस बार कम वर्षा के कारण वैसे भी फसलों में सिंचाई की कमी रही है। इससे पहले मारुति की बारिश से उम्मीद जगी थी लेकिन पाला के प्रकोप ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।किसानों ने जिला कलेक्टर नीमच, क्षेत्रीय विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन से क्षेत्र में फसल अनावरी करा कर फसल बीमा अथवा राहत दिलाने की मांग की है।