मनासा। हमे मौका मिला है मनुष्य जीवन को सफल बनाने का मनुष्य योनी ही सब योनियो मे उतम है भागवत मे बताऐ गये सत्य मार्ग पर चले मौका आने के बाद ईसे गवा देना नादानी कहा जाता है, हम सासांरिक जीवन में हमेसा मोके की ताक मे रहते है मोके हम ढुढ रहे हे मोका हमारे हाथ मै है ऊस पर हमारा ध्यान नही गया ऊत्त विचार कथा व्यास विराटकृष्ण जी नागदा के व्दारा भागवत कथा के अतिंम दिवस मै बताया गया की जीव अनंत काल की यात्रा मै भटक यहा हे ठाकुर को ही संपत्ति बना लो रिश्ता जोड़ लो मकडी की जाल की तरह ईसी मै फसा रहता है मुसकिल से हमे चोरीयासी लाख योनी के बाद मनुष्य शरीर मिला हे इसे इस भवसागर से पार करने के लिए ठाकूर की शरण ग्रहण कर मनुष्य भव सागर तर जाता हे ओर कथा कै अतिम दिवश मै सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए व परिक्षित मोक्ष का वर्रण करते हुये अंतिम दिवस की कथा को विराम दिया वही बालाजी गोशाला बर्डिया जागीर से गाव शोभायात्रा निकाल कर भागवत भ्रमण कर महाप्रसादी का वितरण किया।
सात दिवस श्रीमदभागवत के आयोजन समस्त ग्रावासियों के सहयोग से बालाजी गोशाला बर्डिया जागीर मे सम्पन्न हुई।