दीवान ने मेडिकल कालेज की मांग को सराहते हुए किसानो के हित में जारी किया प्रेस नोट
नीमच। नीमच जिले में मेडिकल कॉलेज की मांग पिछले काफी समय से चली आ रही थी। जिसे नीमच की पूरी जनता ने एकजुट होकर इस मुहिम को आगे बढ़ाया और आज हम उस स्थिति में आ गए हैं कि जहां मेडिकल कॉलेज अब थोड़े से प्रयासों में जिले में सौगात के रूप में मिल जाएगा और यकीनन नीमच जिला पूरी तरह से मेडिकल कॉलेज बनने की मांग में लगा हुआ है, लेकिन शासन प्रशासन पिछले 2 माह से शासकीय जमीन ढूंढने में लगा हुआ है। यह बाद युवा नेता समाजसेवी रवि दीवान ने अपने प्रेस नोट में कही। उन्होंने कहा कि पहले हवाई पट्टी के यहां की जमीन को चुना गया था, उसके बाद नई अनाज मंडी के पास की जमीन भी देखी गई और अब प्रशासन कनावटी और पुलिस लाइन के बीच रखी हुई जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनवाने के लिए लगा हुआ है।
निश्चित तौर पर जिले के हर एक व्यक्ति का मुख्य मकसद मेडिकल कॉलेज को हर हाल में नीमच जिले में लाना है और हम भी इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। परंतु मेडिकल कॉलेज की आड़ में गरीब और बेबस जनता जो पिछली तीन से चार पीढ़ियों से खेती किसानी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है
क्या उन लोगों को रातो रात बेदखल कर देना न्यायोचित है...?
आज एक गरीब व्यक्ति के लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना कितना मुश्किल हो चुका है ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना ने किसान और गरीब वर्ग की कमर पूरी तरह से तोड़ दी है ऐसे में उनके मुंह का निवाला छीन कर उन्हें जमीन से बेदखल कर देना किसी भी तरह से न्याय के हित में नहीं होगा। जिला प्रशासन को मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन तो देखना है लेकिन उन गरीब लोगों के बारे में भी सोचना है जो खेती कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं आज उन किसानों से उनकी जमीन छीन ली तो कहीं दिल्ली जैसे हालात नीमच में पैदा ना हो जाए और यहां का किसान भूख से मरने के बजाय आत्महत्या करने की स्थिति में आ जाए। प्रशासन को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर एक बार फिर से विचार करना चाहिए और जिन किसानों की जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए अगर जा रही हो तो उन्हें उसके बदले में कहीं और सुरक्षित जगह देकर उनके परिवार की मदद को भी आगे आना चाहिए।