जिलाधीश और जनप्रतिनिधीयों के समक्ष भूमाफियाओं की उपस्थिति से उनका दुस्साहस सामने आया
नीमच। नीमच जिला प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष और नीमच जागरण मंच के कपिलसिंह चौहान ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया की कनावटी मे प्रशासन द्वारा मेडिकल कॉलेज के लिए चिन्हित की गई जमीन पर केबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा द्वारा अवलोकन कर दी गई सहमती का स्वागत करते हैं। साथ ही कपिलसिंह ने कहा है की मेडिकल कॉलेज के लिए विभिन्न प्रस्तावित भूमियों पर भूमाफियाओं की सक्रियता से भी नीमच जागरण मंच वाकीफ है।
उन्होंने कहा की अब कनावटी में चिन्हित भूमि को लेकर नया शगूफा छोड़ा गया है की कब्जाधारियों से नपा द्वारा कोई मौखिक समझौता 2001 में किया गया था। हालांकी ऐसा करने का कोई अधिकार नगरपालिका को नही है, ना ही पालिका एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान है। सन 2001 के इस तथाकथित समझौते के 16 वर्षों बाद पिछली परिषद के कार्यकाल में हाईकोर्ट द्वारा उक्त 125 बीघा जमीन को नगरपालिका के स्वत्व की बताकर नीमच नपा के हित में निर्णय दिया गया है। कोर्ट के निर्णय के बाद ऐसे किसी समझौते की बात बेबुनियाद है।
मगर इस शगूफे से मेडिकल कालेज के लिए चिन्हित जमीन पर अवैध कब्जाधारीयो के पीछे खड़े भूमाफियाओं के चेहरे भी बेनकाब हो गए हैं।
आश्चर्यजनक है की कैबिनेट मंत्री श्री सखलेचा के स्थल निरीक्षण के दौरान ये दो भूमाफियां भी अपनी बात कहने वहां पहुंच गए। नीमच में स्कीम नंबर 34-36 के भूखंड घोटाले के जनक और नीमच के छात्रावास पर अवैध रूप से व्यवसायिक संस्थान संचालित करने वाले इन दोनों भूमाफियाओं ने जिलाधीश, जनप्रतिनिधीयों और मंत्री जी की मौजूदगी में अवैध कब्जाधारियों की अतार्किक पैरवी करने का दुस्साहस कैसे जुटाया यह भी आश्चर्यजनक है।
कपिल सिंह चौहान ने कहा है की मेडिकल कॉलेज के लिए श्रेष्ठ भूमि के चयन के लिए प्रयासरत रहना उचित है, मगर जनप्रतिनिधीयों और प्रशासन को भ्रमित कर निजी हित के लिए षडयंत्र रचने वालों को बेनकाब करने के लिए नीमच जागरण मंच हमेशा तैयार है।
उन्होंने कहा की स्थल विशेष को लेकर मंच की प्राथमिकता नही है लेकिन यदि कनावटी की ज़मीन पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण का अंतिम निर्णय हो चुका है तो जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधी भूमि को आरक्षित करने, अन्य औपचारिक अनुमतियां प्राप्त करने और व्यवधानों को समाप्त कर प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करें ताकि नीमच जिले वासीयों के लिए मेडिकल कॉलेज स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सके।