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कलेक्टर ने दिए थे अवेध निर्माण हटाने के आदेश, बगीचा नं. 41-47 में नगर पालिका स्वामित्व का बोर्ड हटा, किया जा रहा है अवैध निर्माण

Neemuch Headlines December 1, 2020, 9:03 pm Technology

कलेक्टर ने 6 माह पहले दिए थे कार्रवाई के आदेश, पर सीएमओ सी पी रॉय पर नहीं कोई असर

नीमच। शहाबुद्दीन बाबा दरगाह मार्ग पर बगीचा नं. 41-47 भूमि कहने को नगरपालिका आधिपत्य की है, लेकिन विडंबना यह है कि भूमि पर लगे नपा आधिपत्य के बोर्ड हटा दिए गए हैं और धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है, जबकि शिकायत की जांच के बाद कलेक्टर ने 6 माह पूर्व जुलाई 2020 में कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन सांठगांठ की राजनीति के कारण नपा सीएमओ पर आदेश का कोई असर नहीं हो पाया है।

यह आरोप पूर्व कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने लगाए हैं। उन्होंने बताया कि भू माफिया राजेश अजमेरा के खिलाफ उन्होंने विभिन्न बिंदुओं पर शिकायत कर कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की थी, जिसमें बगीचा नं. 41-47 का है, जिसकी अवैध रजिस्ट्री अजमेरा ने अपने हाली शंकरलाल सिंहल के नाम से करा रखी है, उसकी आड़ में नपा की बेशकीमती भूमि पर भूखंड काट एग्रीमेंट के आधार पर बेच दिया है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में माफिया के खिलाफ चले अभियान के दौरान प्रशासन और नपा ने बगीचा नं. 41-47 की शेष भूमि पर नपा आधिपत्य का बोर्ड लगा दिया था, लेकिन विडंबना यह है कि सरकार के जाने के बाद भू-माफिया अजमेरा ने एक बोर्ड को पुतवा दिया और दूसरे को उखड़वा कर खाली पड़ी भूमि पर भूखंड काट कर बेच दिए हैं और वर्तमान में संबंधित बगीचा भूमि पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है।

सीएमओ सी पी रॉय की भूमिका पर लग रहे सवाल:-

पूर्व पार्षद लोक्स ने बताया कि नपा आधिपत्य की भूमि पर भू-माफिया अजमेरा कब्जा कर लगातार नपा को चिड़ा रहा है, लेकिन विडंबना यह है कि नपा सीएमओ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि शिकायतों की जांच के बाद 29 जुलाई 2020 को कलेक्टर ने सीएमओ नपा नीमच को कार्रवाई के आदेश भी पीओ डूडा के माध्यम से दिए थे, पर सीएमओ ने 6 माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। यह बात सीएमओ और भू-माफिया राजेश अजमेरा की सांठगांठ को उजागर करता है और सीएमओ की भूमिका पर सवाल उठाता है।

क्या भू-माफिया के सामने पंगु बना हुआ है प्रशासन:-

भू-माफिया राजेश अजमेरा के कारनामों से पूरा नपा और प्रशासनिक अमला परिचित है। किस तरह राजेश अजमेरा ने नपा आधिपत्य की भूमियों पर कब्जा कर भूमियों को खुर्दबुर्द कर दिया है। इसके अलावा योजना क्र. 34-36 में अवैध भूखंडों कब्जा कर उनकों को वैध कराने की सांठगांठ करता है। नपा और प्रशासन के सामने राजेश अजमेरा के खिलाफ कई मामले आ चुके हैं। बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। ऐसे में क्या समझा जाए कि प्रशासन एक भू-माफिया के सामने पंगु बन गया है, जबकि भू-माफिया की हरकतों से निर्वाचित जनप्रतिधि अवगत है, लेकिन वे भी इस मामले में मौन बैठे हुए हैं। आखिर इसके कारण क्या...? इस बात का जवाब कौन देगा। प्रशासन, नपा या जनप्रतिनिधि....?

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