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विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने जिला कलेक्टर को सोपा माँगपत्र

Neemuch Headlines November 27, 2020, 6:38 pm Technology

किसानों, मंडी,सड़क और वन विभाग की समस्या के मुद्दे शीघ्र हल हो--तरुण बाहेती

नीमच। युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तरूण बाहेती गुरूवार को कलेक्टर जितेंद्रसिंह राजे से ग्रामीण जनों के साथ मिले एवं नीमच विधानसभा अंतर्गत मंडी एवं ग्रामीण क्षेत्र में किसानों, आमजनों को आ रही समस्याओं से अवगत करा शीघ्र निराकरण करने की मांग की। बाहेती ने कलेक्टर राजे को दिए गये मांगपत्र में कृषि उपज मंडी, ग्रामीण सड़के, वन भूमि विवाद, संबल योजना व अन्य मुद्दे रखे गए। ज्ञापन में बताया गया कि कृषि उपज मंडी नीमच में सभी फसलों की तरह लहसन उपज के भी जमीन पर ढेर लगाकर नीलामी करवाई जाए। क्योंकि लहसन की जमीन पर नीलामी नहीं होने से किसानों को 500 से1000 रूपए का अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। छोटे किसान जो 5 से 10 बोरी लहसन लेकर मंडी आते हैं उन्हें नीलामी के लिए किराये पर टेम्पो लेना पड़ता है जो प्रत्येक किसान से 500 रूपए से अधिक किराया वसूलते हैं। ऐसे में किसान पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है, जबकि मंडी अधिकांश फसलें जमीन पर ढेर लगाकर नीलाम होती है तो लहसन की उपज भी ढेर लगाकर नीलाम की जाए ताकि किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।

मंडी निधी से बनी सड़कें दूसरी एजेंसी को सौंपी जाए:-

ज्ञापन में नीमच विधान सभा क्षेत्र में मंडी निधी से बनी सड़कों का निर्माण हुए लगभग 5-6 वर्ष बीत गए हैं, जिन्हें अब लोकनिर्माण विभाग या किसी अन्य एजेंसी के सुपुर्द किया जाए। ताकि खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत हो सके और ग्रामीण राहगीरों की राह आसान हो जाए। खासकर जमुनियांकलां से दलावदा होते हुए हर्कियाखाल सड़क, जिसकी हालत अत्यंत दयनीय हो चुकी है। मरम्मत के अभाव में सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जिसे सुधारना बहुत जरूरी हो गया है। मरम्मतीकरण के लिए जिला प्रशासन किसी भी मद से खराब हो चुकी सड़कों का शीघ्र मरम्मत करवाई जाए। नीमच विधानसभा में ऐसी चार सड़के है।

वन भूमि को लेकर होने वाले विवाद का निराकरण करें:-

ज्ञापन में बताया कि नीमच विधानसभा अंतर्गत जीरन तहसील के चीताखेड़ा सर्कल में वन भूमि की अधिकता है, लेकिन वन भूमि वनपरिक्षेत्र में ही किसानों की निजी राजस्व भूमि भी स्थित है । उक्त निजी भूमि पर आये दिन किनारे पर खाई लगाने, जमीन की सुरक्षा के लिए जाली लगाने एवं सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाने को लेकर किसानों एवं वनकर्मियों के बीच विवाद होते रहते हैं । वनविभाग वनपरिक्षेत्र में कृषि भूमि पर किसी प्रकार की गतिविधि करने पर आपत्ति लगाते हैं और विवाद करने पर अनुमति भी देते हैं। इस मामले में वनविभाग की नीति स्पष्ट नहीं है । वनपरिक्षेत्र में किसानों को ट्यूबवेल लगाने, खेत की मेड़ पर जाली लगाने एवं अन्य गतिविधियों की बिना किसी रोक-टोक के अनुमति प्रदान की जाये । जिससे किसानों को फसल उत्पादन में राहत मिल राहत मिले।

संबल योजना के लंबित प्रकरणों का निपटारा करें:-

ज्ञापन में कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित संबल योजना के तहत पात्र हितग्राही की मृत्यु हो जाने पर नियमानुसार 2 लाख रूपए एवं दुर्घटना/सर्पदंश से मृत्यु हो जाने पर 4 लाख रूपये मिलने का प्रावधान है। योजना अंतर्गत नीमच जनपद में पिछले एक वर्ष से 260 केस पेडिंग रखे हैं जिनके परिवारजनों को उक्त योजना अनुसार भुगतान हो जाना था, किन्तु किसी भी परिवार को पिछले 1 वर्ष से राशि नहीं मिल पाई है । इसके लिए पहल कर संबल योजना अंतर्गत मिलने वाली राशि परिवारजनों को दिलवाकर राहत प्रदान करें । पूरे जिले में संबल योजना अंतर्गत मृत्यु हो जाने पर मिलने वाली राशि के लगभग 700 केस पेंडिंग है ।

जीरन मंडी में हम्मालों की संख्या बढाई जाए:-

ज्ञापन में बताया कि जीरन कृषि उपज मंडी लहसुन एवं प्याज की नीलामी के लिये विख्यात हो चुकी है और मंडी में दूरदराज से किसान उपज बेचने आते हैं, लेकिन जीरन कृषि उपज मण्डी में हम्मालों की काफी कमी है। हम्माल कम होने एवं अधिक उपज आने से किसानों की उपज तुलने में परेशानी आती है । जीरन कृषि उपज मंडी में उपज के मान से शेड की भी कमी आने लगी है। ऐसे में जीरन मंडी में हम्मालों की भर्त के साथ ही नवीन शेड का निर्माण करने के आदेश भी कृषि उपज मंडी प्रशासन नीमच को किए जाए।

इन सबके अलावा अन्य समस्याओं पर भी कांग्रेस नेता तरुण बाहेती, जिला प्रवक्ता भगत वर्मा व अन्य ग्रामीणों ने भी जिला कलेक्टर की चर्चा की। जिला कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे ने उक्त समस्याओं को वाजिब बताते हुए शीघ्र ही निराकरण करने की बात कही।

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