जीरन । नगर परिषद जीरन हमेशा सुर्खियों में रहती है। आए दिन कुछ न कुछ घोटाले यहां देखने को मिलते हैं ऐसा ही एक बहुत बड़ा घोटाला प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर परिषद के सीएमओ इंजीनियर और एसडीएम की मिलीभगत से हो रहा है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपना देखा था कि हर गरीब को पक्का मकान मिले परंतु जीरन नगर परिषद इसके पूरी तरह विपरीत जाकर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास का मुख्य उद्देश्य के मकान बनाना है लेकिन पूरी तरह से भ्रस्टाचार में लिप्त हो चुकी नगर परिषद जीरन को किसी का डर नहीं है। प्रधानमंत्री आवास में पैसे का लेनदेन कर मकान की जगह शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की रसीद दर्ज कर प्रधानमंत्री आवास के जगह प्रधानमंत्री दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है ऐसे निर्माण दाताओं पर मेहरबान नगर परिषद सीएमओ ने पैसे लेकर दूसरी किस्त तक जारी कर दी है। जबकि वास्तविक हकदार कबसे दूसरी क़िस्त का इंतज़ार कर रहे है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास पूरी तरह बना लिया है लेकिन ऐसे लोगों के लिए नगर परिषद किस्ते नहीं डाल रही है जहां यह निर्माण हो रहा है वहां महिला शौचालय बना हुआ है उसका रास्ता अतिक्रमण दाता पूरी तरह बंद कर वहां प्रधानमंत्री आवास मकान की जगह दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। यह लाखों करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि है पीडब्ल्यूडी विभाग की रोड से लगी हुई इस पर ना तो राजस्व विभाग का ध्यान जा रहा है ना नगर परिषद का ध्यान जा रहा है। लगता है इसके अंदर बड़े राजनीतिक नेता अधिकारियों पर दबाव बनाकर कार्य करवा रहे हैं या अधिकारी खुद पैसे के चक्कर में सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं इस निर्माण की बहुत सी जगह शिकायत हो चुकी है 181 पर भी 4 लेवल पर इसकी शिकायत चल रही है फिर भी अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही।
जिला कलेक्टर को मामले को तुरंत संज्ञान में लेकर कार्यवाही करनी चाहिए और दोषी भ्रस्ट अधिकारियो के खिलाफ उचित कार्यवाही के आदेश जारी करने चाहिए।