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शिव शासन कार्यकाल में हुए बेशकीमती शासकीय भूमि पर अतिक्रमण शिकायतें लंबित, स्थिति ज्यों की त्यों बरकरार और अधिकारी पी रहे हैं कंबल ओढ़ कर घी

करण नीमा बाबा November 23, 2020, 9:44 am Technology

नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच जिले में नीमच महू राज्य मार्ग पर शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत जमुनिया कला पूर्व मैं भी समाचार पत्रों की सुर्ख़ियो रही और विभागों में हलचल का विषय बनी हुई रही है और जिले का ऐसा कोई संबंधित अधिकारी नहीं जो यहां से ना गुजरता हो। वैसे तो यहां अतिक्रमण का सिलसिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल से ही बड़ा जोर शोर पर चल रहा है और जिसकी शिकायतें भी मुख्यमंत्री द्वारा ही चलाई गई मुहिम जनसुनवाई अभियान एवं सीएम हेल्पलाइन में की गई लेकिन स्थिति ज्यौ कि त्यौ बरकरार है इसी विभागीय निठल्ले पन और लापरवाही के चलते जिला कलेक्टर कार्यालय की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं कई सवाल। इसी को देखते हुए अतिक्रमण कर्ताओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और कार्यवाही के नाम पर विभाग में सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है उदाहरण के तौर पर इसी ग्राम पंचायत जमुनिया कला के हल्का नंबर 11की जहां पर बैश कीमती बहुमूल्य बेशकीमती खसरा नंबर 45 का आम रास्ता जा रहा है उसी से लगा खसरा नंबर 56 की भूमि जिसका वर्तमान में कुछ ही समय पहले पूर्व भूमि स्वामी अग्रवाल द्वारा नीमच के एक उद्योगपति धानुका इंटेंशन प्राइवेट लिमिटेड मिल के मालिक को सौदा किया गया जिसने अपनी निर्धारित सीमा को छोड़ कर आम रास्ते की बहुमूल्य शासकीय पर अपने सीमेंट पोल खंबे की दीवारें खड़ी करवा कर अपना अतिक्रमण करना चाहा परंतु जागरूक ग्रामीणों की शिकायत के बाद एवं हमारे मोबाइल एप्स न्यूज़ से समाचार प्रकाशन के बाद मामला जहां का तहां रुक तो गया परंतु विभागीय अधिकारी अपना उचित निर्णय लेने में आज भी असमर्थ है वैसे तो 45 नंबर उस आम रास्ते पर एक नहीं कई अतिक्रमण कर्ता है जिनको विभाग द्वारा नोटिस भी दिया गया है परंतु लगता है अधिकारियों की पक्षपात वाली सोच के करण अतिक्रमण कर्ता भी अंगद का पांव जमाए बैठे हैं अतिक्रमण कर्ताओं का कहना है यदि विभाग द्वारा अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहते हुए बिना पक्षपात के अतिक्रमण मुक्त कार्यवाही विभाग करना चाहता है तो हम सब उस निष्पक्ष कार्यवाही में सहमति प्रदान करेंगे अब सोचने वाली बात यह है की क्यो हाथ पर हाथ धरे बैठा है विभाग

इससे यह सिद्ध होता है की कीजाने वाली शिकायत को ठंडे बस्ते में डालकर माहौल ठंडा होने का इंतजार कर रही है पार्टियां और विभागीय बाद धीरे धीरे अपना भ्रष्टाचार का खेल खेला जाएगा यही कारण है लगभग एक माह ऊपर बीतने के बाद भी अधिकारी वर्ग हाथ पर हाथ धरे बैठा है और चर्चाओं में सामने आया है की क्रेता की ओर से विक्रेता की भूमि सोदे की पूर्ण राशि में से कुछ रुपये क्रेता द्वारा रोक लिए गए है और विक्रेता द्वारा क्रेता को यह आश्वासन दिया गया कि विभाग में बैठे संबंधित अधिकारियों से मेरी बात चल रही है। अवसर का इंतजार करें जो काम होना है वह होकर रहेगा मतलब साफ की शासकीय भूमि उद्योगपति के जाए और हो भी सकता है क्योंकि यदि ऐसा होता है तो एक अच्छी खासी मोटी रकम सभी बटना तय है वह इसलिए क्योंकि शिवराज शासनकाल में अधिकारी वर्ग बेखोफ अपना भ्रष्टाचार का गोरख धंधा जमाए हुए हैं और प्रशासन और शासन इस भ्रष्टाचार में तगड़ा गठबंधन मिलीभगत और सांठगांठ करें बैठे है। यही कारण है कि आज प्रशासन में बैठे अधिकारी वर्ग अपना काम इमानदारी से नहीं करने के कारण क्राइम को बढ़ावा मिल रहा है। पहले जहां असामाजिक तत्वों का भय होता था वही आमजन को शासन और प्रशासन का पूर्ण विश्वास होने के कारण अपने घरों में चैन की नींद सोते थे पर कुछ समय से विभागों में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ होने के कारण धीरे-धीरे यह विश्वास विलुप्त होते होते पूरी तरह से खो गया है यही कारण है कि आज आम जनता में प्रशासन से ज्यादा अंडरवर्ल्ड पर विश्वास होता जा रहा है इस संबंध में हलके के पटवारी से बात होने पर उन्होंने बताया कि सीमांकन का आवेदन लगा हुआ है जब तक सीमांकन नहीं किया जाएगा तब तक वहां पर किसी भी प्रकार से कोई कार्य नहीं किए जाने का आश्वासन दिया है इधर जागरूक ग्रामीणों ने संबंधित दस्तावेज एकत्रित कर उच्च अधिकारी से रूबरू होने की पूरी तैयारी भी की जा चुकी है अब देखना यह है की होता क्या है।

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