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प्रदेश में ख्याति प्राप्त है रतनगढ़ का ऐतिहासिक अन्नकूट महोत्सव, होता है महाप्रसादी का वितरण

निर्मल मूँदड़ा November 20, 2020, 9:22 am Technology

दीपावली के दूसरे दिन से आंवला नवमी तक सभी मंदिरों व देव स्थलों पर होता है भव्य आयोजन, अन्नकूट वाले दिन नहीं जलता घरो मे चूल्हा

रतनगढ। वैसे तो पूरे देश प्रदेश में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें हिंदू समाज के धर्मप्रेमी महिला पुरुष बढ़-चढ़कर महोत्सव में भाग लेते हैं लेकिन रतनगढ़ में अन्नकूट महोत्सव की ऐसी धूम मचती है कि आज पूरे प्रदेश में रतनगढ़ मे होने वाला एतिहासिक अन्नकूट महोत्सव ख्याति प्राप्त कर चुका है दीपावली के दूसरे दिन पडवा से शुरू होने वाले अन्नकूट महोत्सव की धूम का आंवला नवमी के दिन अंतिम समापन होता हैं। रतनगढ़ का अन्नकूट महोत्सव दूरदराज के क्षेत्रों में इस तरह से प्रसिद्ध हो चुका है कि केवल अन्नकूट महोत्सव में भाग लेने के लिए कई महानुभाव यहां आकर दर्शनों का लाभ लेते हैं एवं महाप्रसादी ग्रहण करते हैं कई वर्षों पूर्व रतनगढ़ के मात्र कुछ गिनती के मंदिरों में यह महोत्सव मनाने की जो परंपरा शुरू की गई थी वह आज एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर रतनगढ नगर सहित आसपास के सभी ग्रामीण अंचलों में छोटे बड़े सभी देव स्थलो तक में मनाया जाने लगा है।अब रतनगढ़ के साथ ही कसमारिया, बधावा, नारदा आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अन्नकूट महोत्सव की परम्परा शुरू हो गई हैं। नहीं जलता चूल्हा :-जिस दिन अन्नकूट महोत्सव की प्रसादी होती है उस दिन नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु महिला पुरुष भी हजारों की संख्या में कतारबद्ध प्रसाद ग्रहण करने के लिए यहां आते हैं सबसे विशेष बात यह भी है प्रसाद ग्रहण करने वालों में हिंदू समाज के साथ ही बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के धर्मावलंबी भी कतार में खड़े होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं प्रसाद ग्रहण करते वक्त किसी प्रकार का गरीब अमीर,छोटे बड़े या सामाजिक भेदभाव नहीं होता है सभी को समान रूप से प्रसाद वितरित किया जाता है। इस दिन हिंदू परिवारों के घरों में चूल्हा भी नहीं जलता एक व्यक्ति को मिलने वाले प्रसाद की मात्रा भी इतनी होती है कि आराम से दो से तीन व्यक्ति भरपेट कर भोजन कर लें।

इन मंदिरों में होता है अन्नकूट विवरण :--

दीपावली के दूसरे दिन :-

माहेश्वरी समाज के श्री गोवर्धननाथ मंदिर, मूंदड़ा परिवार के श्री चारभुजानाथ मंदिर,नामदेव छिपा,दर्जी समाज मंदिर,श्री कालिया नाथ मंदिर, स्वर्णकार समाज मंदिर, पीपलीनाथ मंदिर, ईनाणी परिवार के द्वारिकाधीश मंदिर, सुथार समाज के राम जानकी मंदिर, सगस बावजी मंदिर, नरसिंहनाथ मंदिर, जुझार बावजी मंदिर, माली समाज मंदिर, भैरवनाथ मंदिर

पंचमी के दिन :- श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, नदी दरवाजा वाले बालाजी मंदिर, शीतला माता मंदिर, सोलंकी समाज सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, पुलिस थाना परिसर महादेव

मंदिर सप्तमी के दिन :- श्री राधा-कृष्ण मंदिर, डेर वाले बालाजी मंदिर, पटपड़ा महादेव मंदिर, गुंजालिया महादेव मंदिर, कांटिया बालाजी मंदिर

नवमी के दिन:- आवासीय कॉलोनी नई आबादी मे स्थित नीम वाले बालाजी मंदिर, प्रथम घाट पर स्थित शनि महाराज मंदिर, प्राचीन किले पर स्थित रामजानकी मंदिर एवं हनुमान मंदिर, देवस्थान गोरेश्वर महादेव मंदिर (गोराजी),कसमारिया मे बालाजी मंदिर

यह प्रसादी होती है वितरित- अन्नकूट महाप्रसादी में सभी प्रकार की मिक्स सब्जी, बैसन चक्की, लड्डू, जलेबी, इमरती, नुक्ती, गुलाब जामुन, मक्खन बड़े, पुडी, वेफर्स आदि वस्तुएं वितरित की जाती है।

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