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अंग फड़कने से शकुन-अपशकुन, जानिए कब होता है लाभ और नुकसान

Neemuch Headlines September 27, 2020, 3:17 pm Technology

ज्योतिष के अनुसार मानव शरीर के अंगों का फड़कना व्यर्थ नहीं होता वरन भविष्य की घटनाओं का एक संकेत होता है

हिंदू ज्योतिष के अनुसार मानव शरीर के अंगों का फड़कना व्यर्थ नहीं होता वरन भविष्य की घटनाओं का एक संकेत होता है। प्रत्येक अंग के फड़कने का एक अलग अर्थ होता है जिससे पता लगता है कि उस व्यक्ति के साथ निकट भविष्य में क्या होने वाला है। यही नहीं, अंग फड़कने से घटनाओं की शुभता, अशुभता का भी पता लगता है। आम तौर पर स्त्रियों के बाएं अंग तथा पुरुषों के दाएं अंग का फड़कना सदैव कोई न कोई शुभ समाचार लाता है। इसके विपरीत यदि स्त्रियों के दाएं तथा पुरुषों के बाएं अंग फड़के तो यह अशुभ होता है।

जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या अर्थ होता हैः

मस्तिष्क का फड़कना जमीन का लाभ देता है।

यदि कंधे फड़के तो यथोचित भोग-विलास का सुख मिलता है।

हाथों का फड़कना जल्दी ही धन मिलने की सूचना देता है।

वक्षःस्थल का फड़कना वाद-विवाद, मुकदमे आदि में विजय बताता है।

हृदय फड़के तो मनचाहे कार्य का पूरा होने की सूचना है।

नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है।

गुदा का फड़कना जल्दी ही वाहन सुख मिलने की संभावना बताता है।

दोनों भौंहों के मध्य होने वाली फड़कन व्यक्ति को सुख देने वाली होती है।

कपोल फड़के तो सभी शुभ कार्य पूर्ण होते हैं।

आंखों का फड़कना धन दिलाता है।

आँखों के पास फड़कन हो तो प्रिय प्रेमी-प्रेमिका से मिलन होता है।

इसके अतिरिक्त अन्य अंगों के फड़कने का अर्थ इस प्रकार होता हैः

बाईं जांघ के फड़कने से दोस्त से सहायता मिलने का संकेत हैं।

दाईं जांघ फड़कने से शत्रु शांत होने का संकेत हैं।

दाएं हाथ का अंगूठा फड़कने से शुभ समाचार मिलने का संकेत हैं।

बाएं हाथ का अंगूठा फड़कने से हानी होने का संकेत हैं।

मुख के फड़कने से मित्र द्वारा लाभ होने का संकेत हैं।

होठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत हैं।

दाईं पीठ फड़कने से धन-धान्य की वृद्धि होती है

लेकिन बाईं पीठ के फड़कने से मुकदमे में हार हो सकती है।

दाहिनी ओर का कंधा फड़के तो धन-संपदा मिलती है।

बांई ओर का कंधा फड़के तो सफलता मिलती है

यदि दोनों कंधे फड़कें तो किसी से बेवजह झगड़े की संभावना रहती है।

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