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नो स्कूल नो फीस मुहिम के तहत बन्द को मिला नगरवासियों का पूरा समर्थन, अभिभावक मंच ने आंदोलन की बनाई अगली रणनीति, चरण बद्ध तरीके से होगा आंदोलन 

neemuch headlines September 15, 2020, 6:51 pm Technology

मनासा! कोरोना काल के बाद प़त्येक नागरिक आर्थिक समस्या से जूझ रहा हैं। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद होने के बाद भी निजी स्कूल संचालको द्वारा शिक्षण शुल्क लेने को लेकर वर्तमान में अभिभावक ओर निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालक आमने सामने हैं। अभिभावक जनजागरण मंच मनासा द्वारा बन्द के दौरान स्कूल फीस को लेकर चरण बद्ध आंदोलन किया जा रहा हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब लॉक डाउन में स्कुल खुले ही नहीं तो स्कूल प्रबंधन को फीस को लेकर अभिभावकों को रियायत देना चाहिए।अभिभावक मंच द्वारा निजी स्कुलों की फीस को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया था। मगर कोई नतीजा नही निकलते देख अभिभावकों ने दो दिन पहले एक रैली का आयोजन कर स्कूल कार्यालय जाकर स्कूल संचालकों को गुलाब का फूल भेंट कर कोरोना काल में फीस माफी का निवेदन किया गया था। उसी चरण में अभिभावक मंच द्वारा 15 सितम्बर मंगलवार को मनासा बन्द का आह्वान किया गया था।

अभिभावक मंच द्वारा बुलाए गए मनासा बंद के आह्वान को नगर की जनता ने भरपूर सहयोग दिया। नतीजन मंगलवार को शहर का चप्पा चप्पा बंद रहा। जिसके चलते लोग दिन भर चाय नाश्ता व जरूरत की आवश्यक सामग्री के लिए भटकते देखे गए। नो स्कुल नो फीस के आंदोलन को लेकर अभिभावक जनजागरण मंच द्वारा मंगलवार को किए गए बन्द को शहर की सभी संस्थाओं के साथ व्यापारियों एवं शहर की जनता ने पुरा सहयोग किया। मात्र आवश्यक वस्तुओं को छोडकर समस्त संस्थान, कृषि ऊपज मंडी, थोक सब्जी मंडी बंद रही। किराना, मेकेनिकल कपड़ा, होटल सब बन्द रहा। पुर्व सुचना के तहत मनासा कृषि ऊपज मंडी में भी कोई किसान अपनी ऊपज लेकर नहीं पहुचा। 

गैर राजनितिक मंच द्वारा बुलाए बंद का व्यापारियों एवं जनता ने किया सहयोग:- मनासा शहर के इतिहास में पहली बार किसी गैर राजनितिक मंच द्वारा बुलाए गए बंद का शहर की जनता एवं व्यापारियों ने सहयोग किया अभिभावक जनजागरण मंच द्वारा बुलाया गया बंद गैर राजनितिक होने के साथ मध्यम एवं आर्थीक रूप से कमजोर अभिभावकों के लिए बुलाया गया था। जो कि निजि स्कुलों द्वारा वसुली जा रही फीस भरने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे अभिभावक जो दिन रात मेहनत, मजदूरी कर अपने एवं अपने परिवार का भरण पोषण करने के साथ हि उनका सपना अपने नोहिहाल को निजी स्कूल में पढ़ाने का होता है जिसके लिए वो दिन रात मेहनत कर अपने बच्चों की फीस भरते हैं,मगर लांकडाऊन के कारण निजि स्कुलों द्वारा आंनलाईन पढाई के नाम पर वसुली जा रही फीस को नहीं भर पा रहा हैं।

बन्द के दौरान अभिभावकों ने निकाली वाहन रैली:-  मंगलवार को बंद के दौरान अभिभावक मंच के सदस्यों ने हाथों में नारो की तख्तियांं लेकर पुरे शहर में वाहन रैली निकाली जिसमें नो स्कुल नो फीस के नारे के साथ शहर में छुटपुट खुली दुकानों एवं शहर की जनता से निवेदन कर शहर बंद में सहयोग करने की अपील की जिसका शहर की जनता एवं व्यापारीयों ने भी पुरा सहयोग किया। अशासकीय शिक्षण संस्था संगठन के सचिव के बयान को लेकर पालको में आक्रोश:- नो स्कूल नो फीस को लेकर मनासा व नीमच के अभिभावकों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हैं। साथ ही अभिभावकों द्वारा लगातार निजी स्कूल संचालको से संवाद स्थापित कर फीस माफी के लिए उनसे निवेदन भी किया जा रहा हैं। उसका परिणाम यह हुआ कि मनासा उपखण्ड में करीब 25 स्कूल संचालको ने आगे आकर 31 अगस्त तक कि फीस स्वतः माफ करने की घोषणा की। मगर पिछले दिनों अशासकीय शिक्षण संस्था संगठन के सचिव द्वारा मीडिया में बयान दिया गया कि कुछ अभिभावक अन्य लोगों के साथ मिलकर क्षेत्र में अराजकता फैला कर शांति भंग करना चाहते हैं। साथी ही संगठन के सचिव ने पालको द्वारा संचालको को नुकसान पहुंचाने की आशंका को लेकर सुरक्षा की मांग भी की। संस्था संगठन के सचिव द्वारा दिए गए इस प्रकार के बयान को लेकर मनासा के पालको में भारी आक्रोश हैं।

  इनका कहना:-  शिक्षा से जुड़े लोंगो की भाषा इस तरह अशोभनीय वो भी उन लोंगो के लिए जो वर्षों से इन निजी विद्यालयों को मनमानी फीस देते  आए हैं। जब स्कूल खुले हीं नही बच्चे पढ़े ही नही तो फीस क्यो, जब ये आंदोलन गति पकड़ने लगा तो हतोत्साहित निजी स्कूल संचालक चरित्र हनन पर उतर आए है उन्हें कानूनी जवाब देंगे। -संजय व्यास-सदस्य अभिभावक जनजागरण मंच मनासा  -जिस दिन की बात अशासकिय शिक्षण संस्थान के सचिव प्रवीण आरोंदेकर कर रहे है उस दिन अभिभावकों के साथ मैं भी था। मैं अभिभावक हूँ और बहुत ही शांतिप़िय तरिके से हमने फूल भेंट कर लिखित अपील निजि स्कुलों को दी थी। अशिक्षण संस्थान के पदाधिकारी ने बहुत निंदनीय वक्तव्य दिया हैं। मैं अभिभावक जनजागरण मंच के सदस्य होने के साथ उन्हें मानहानि का नोटिस देकर कानूनी कार्यवाही करेंगे। - मंगल पाटीदार- सदस्य अभिभावक जनजागरण मंच मनासा

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