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प्रशासक नियुक्त होने के बाद पटरी से उतरी नगरपालिका की व्यवस्थाएं, कलेक्टर को देना चाहिए ध्यान,समय अभाव है तो किसी अधिकारी की नियुक्ति करें

neemuch headlines August 31, 2020, 6:01 pm Technology

रामभरोसे चल रही है नगपालिका, अफसरशाही हावी, भ्रष्टाचार के काम तुरंत, जनहित के मामले उलझे- मोनू लोक्स

नीमच। नीमच नगरपालिका बीते आठ माह से राम भरोसे चल रही है। भ्रष्टाचार के मामले तो तुरंत हो जाते है, लेकिन जनहित के मामले लंबित ही रहते है। जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के कारण अधिकारी और कर्मचारी निरंकुश हो गए है, कलेक्टर प्रशासक के रूप में है, लेकिन नगरपालिका में एक बार भी कलेक्टर जितेंद्रसिंह राजे एक बार भी नहीं आए है। इस स्थिति को लेकर नगरपालिका में अफसरशाही हावी हो गई है। कलेक्टर को अगर समय नहीं है तो वे किसी अधिकारी को अस्थाई रूप से नियुक्त कर सकते है, जिससे कि नगरपालिका में प्रशासक का नियंत्रण हो। यह बात पूर्व पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कही। श्री लोक्स ने कहा कि नगरपालिका में पिछले कई माह से लचर व्यवस्था चल रही है। सडक, बिजली और पानी, साफ—सफाई व्यवस्था के लिए प्रतिदिन काम आमजन का पडता है। नगरपालिका में अधिकारी—कर्मचारी कितनी बजे आते है, कितनी बजे जाते है, इसका कोई टाईम टेबल नहीं है। सभी मर्जी के मालिक बन बैठे है, कारण यह है कि एक बार भी प्रशासक का नहीं आना, इधर जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद उनके पास कोई अधिकारी नहीं बचे है। इस स्थिति को लेकर नपा के अधिकारी—कर्मचारी निरंकुश हो गए है। कोई भी काम है तो नपा के अधिकारी कलेक्टर कार्यालय फाईल लेकर पहुंचते है। नपा इन दिनों कलेक्ट्रेट से ही चल रही है। प्रशासक को नपा के अधिकारी कर्मचारी गुमराह कर रहे है और जमीन घोटाले को अंजाम दिए जा रहे है।

रिटायर्ड होते—होते सीएमओ कुरैशी कर गए गई अवैध, प्रशासक कुछ भी नहीं कर पाए, भ्रष्टाचार की सिर्फ जांच ही चलती रहती है:- तत्कालीन सीएमओ रीयाजुद्दीन कुरैशी ने रिटायर्ड होने के आखिरी के कुछ महिनों में जमकर भ्रष्टाचार किए। स्कीम नंबर 34—36 में कई भूखंड अवैध थे, जो वैध कर गए, उषा चिकित्सालय की विवादित जमीन को वैध कर गए, स्कीम नंबर 36 बी में रामभरोसे के भूखंड क्रमांक 1059 से लेन—देन कर अवैध तरीके से आवंटन कर गए।

शहर के फव्वारा चौक के पास डोसी को निर्माण की अवैध रूप से अनुमति दे गए। कुरैशी के तमाम कारनामों की शिकायत कलेक्टर को की जाती है, जो कि प्रशासक है, वे जांच के आदेश देते है, जांच के नाम पर लीपापोती होती है। प्रशासन का भी कोई नियंत्रण नपा में नहीं है। सरेआम भ्रष्टाचार हो रहे है। ठेकेदार मनोज धाकड की घटिया सडक की जांच की मांग की गई थी,घटिया सडक का भुगतान भी कर दिया है। लॉक डाउन में तत्कालीन जिला परियोजना अधिकारी एस कुमार द्वारा सेनेटाईजर और दवा खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।

भाजपा जनप्रतिनिधि को जनहित के मामले से कोई सराकोर नहीं:- लोक्स ने बताया कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है, भाजपा के सांसद और विधायक नपा नीमच में चल रही व्यवस्थाओं को लेकर नजरअंदाज कर रहे है और मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे है। नगरपालिका में जमीन घोटाले हो रहे है, लेकिन कोई आवाज उठाने वाला नहीं है। कई बार मीडिया में भी घपले—घोटाले सामने आए है, लेकिन एक बयान भी जिम्मेदारों ने जारी नहीं किए है।

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