मनासा। निजि विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस वसुली के कारण आम जनता परैशान हैं। निजि विद्यालय ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से अवैध रूप से राशि की वसुली कर रही हैं। जिसके विरोध स्वरूप अभिभावक जनजागरण मंच मनासा ने नो स्कुल नो फीस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सोपा। ज्ञापन से पुर्व अभिभावक जनजागरण मंच के आह्वान पर नगर के सैकडों अभिभावक शहर के डाक बंगले पर एकत्रित हुए। मुंह पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए सैंकडों अभिभावक रैली के रूप में विधायक कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय पंहुचे, मुख्यमंत्री के नाम विधायक प़तिनिधि बगदीराम गुर्जर एवं एसडीएम मनीष कुमार जैंन को ज्ञापन सोपा। इस दोरान सैकडों की संख्या में मनासा नगर सहित आसपास के ग़ामीण क्षैत्रों के अभिभावक मोजुद थे। ज्ञापन का वाचन मनासा प़ेस क्लब अध्यक्ष संजय व्यास एवं एडव्होकेट मंगल पाटीदार ने किया।
आम आदमी झेल रहा आर्थीक संकट:- ज्ञापन के माध्यम से जनजागरण अभिभावक मंच ने बताया कि 21 मार्च 2020 से देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था। लॉकडाउन के कारण देश-प्रदेश का हर व्यापार व्यवसाय, मजदूरी प्रभावित हुई हैं। जिसके चलते आम आदमी भारी आर्थिक संकट झेल रहा हैं। आम आदमी की आमदनी कम और खर्चे ज्यादा हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में आम आदमी को हर क्षेत्र में आर्थिक राहत दी जाना जरूरी हैं। यह राहत भी है और एक तरह से आम आदमी का अधिकार भी हैं। नो स्कुल नो फीस की मुहीम उन पालको के लिए है जिनके बच्चे निजि विद्यालयों में पढते हैं। अभिभावकों ने मांग की है कि जब निजि विद्यालय बंद हैं। बच्चो को विद्यालय में पढ़ाया नहीं जा रहा है तो ऐसे में विद्यालय पालको से कोई शेक्षणिक फीस नहीं वसूल करे।
ट्यूशन फीस की आड में वसुल रहे मनमानी फीस:- शासन ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश के समस्त शासकिय एवं अशासकिय विद्यालयों को बंद रखने के आदेश दे रखा हैं। आदेश के बाद प़देश के समस्त विद्यालय आगामी आदेश तक बंद हैं। आदेश के चलते किसी भी विद्यालय में नियमित पढाई नहीं हो रही है ना ही कोई स्कूल संचालित हो रहा हैं। शासन ने लॉकडाउन के दोरान निर्णय लिया था कि कोई भी विद्यालय ट्यूशन फीस के अतिरिक्त किसी भी प़कार की फीस बच्चो के अभिभावको से नहीं ले सकता। जबकि निजि विद्यालय शासन के इस निर्णय की आड़ में अभिभावको से लॉकडाउन की अवधि में भी मनमानी ट्यूशन फीस की मांग कर रहे हैं। जबकि विद्यालय बंद है तो ट्यूशन फीस किस बात की दी जाए।